भारत में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, जानें बादल फटने के कारण और सुरक्षा उपाय
भारत में बारिश का कहर
हाल के दिनों में, देश के विभिन्न हिस्सों में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में। यहां की सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं और निचले इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने की घटना ने व्यापक तबाही मचाई है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि बादल फटना या गिरना वास्तव में क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।जब अचानक आसमान से तेज़ बारिश और ओले गिरते हैं, जिससे जल स्तर तेजी से बढ़ता है, इसे आमतौर पर बादल फटना कहा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे 'क्लाउड बर्स्ट' कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें बादलों में संचित नमी अचानक भारी बारिश में परिवर्तित हो जाती है।
पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां नमी और बारिश की तीव्रता अधिक होती है, यह घटना और भी खतरनाक हो सकती है। भारी बारिश से जल जमाव के साथ-साथ मिट्टी की सतह कमजोर हो जाती है, जिससे भूस्खलन जैसी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे हालात में स्थानीय लोगों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है।
जब बादलों में पानी की मात्रा अत्यधिक हो जाती है, तो हवा उन्हें संभाल नहीं पाती और वे भारी बारिश के रूप में गिरते हैं। यह बारिश सामान्य बारिश की तुलना में अधिक तीव्र और कम समय में होती है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए, प्रशासन और आम लोगों को सतर्क रहना आवश्यक है ताकि नुकसान को कम किया जा सके।