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भारत में वन भूमि के उपयोग और वृक्षारोपण की नई पहल

भारत सरकार ने हाल ही में वन भूमि के उपयोग और वृक्षारोपण के संबंध में महत्वपूर्ण आंकड़े साझा किए हैं। पिछले चार वर्षों में 78,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को विकास परियोजनाओं के लिए मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश ने वृक्षारोपण में सबसे आगे रहते हुए 23.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया है। जानें इस दिशा में सरकार की नई पहलों और अभियानों के बारे में।
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भारत में वन भूमि के उपयोग और वृक्षारोपण की नई पहल

वन भूमि का उपयोग और वृक्षारोपण

वन भूमि का परिवर्तन: भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। गुरुवार को राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले चार वर्षों में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 78,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को गैर-वनीय उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, पिछले पांच वर्षों में 93.7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है।


पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश ने सबसे अधिक 17,393 हेक्टेयर वन भूमि को विभिन्न परियोजनाओं के लिए स्वीकृत किया है। इसके बाद ओडिशा (11,033 हेक्टेयर), अरुणाचल प्रदेश (6,561 हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (5,480 हेक्टेयर), और छत्तीसगढ़ (4,092 हेक्टेयर) का स्थान है।


वृक्षारोपण में उत्तर प्रदेश की उपलब्धि


वृक्षारोपण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 2020-21 से 2024-25 तक, राज्य ने 23.5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया। तेलंगाना (15.5 लाख हेक्टेयर) और गुजरात (11.4 लाख हेक्टेयर) इस सूची में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। अन्य राज्यों जैसे ओडिशा (5 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (5.9 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (3.8 लाख हेक्टेयर), और मध्य प्रदेश (4 लाख हेक्टेयर) ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की शुरुआत


पर्यावरण कनिष्ठ मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में बताया, "सरकार वर्तमान में 5 जून, 2024 को शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के व्यापक विषय के तहत वनीकरण और वृक्षारोपण कर रही है।" यह अभियान पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने का एक अनूठा प्रयास है।


वृक्षारोपण के लिए योजनाएं


मंत्री ने बताया कि वृक्षारोपण को कई योजनाओं के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिनमें राष्ट्रीय हरित भारत मिशन, नगर वन योजना, तटरेखा आवास और मूर्त लाभों के लिए मैंग्रोव पहल, और प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैम्पा) शामिल हैं। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों द्वारा वित्तपोषित विशेष कार्यक्रम भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।


पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत का संकल्प


ये प्रयास भारत के पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत कदम हैं। वन भूमि के उपयोग और वृक्षारोपण के बीच संतुलन बनाए रखने की यह रणनीति न केवल पर्यावरण को संरक्षित करती है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वस्थ भारत का निर्माण भी करती है।