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भारत में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2025' का भव्य उद्घाटन, खाद्य प्रसंस्करण में नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2025' का उद्घाटन किया, जो भारत को वैश्विक खाद्य केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तीन दिवसीय आयोजन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 1200 से अधिक प्रदर्शक शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करना है, साथ ही छोटे किसानों और स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में मोटा अनाज 'श्री अन्न' पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे भारत खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए भविष्य का सुपरफूड पेश करेगा।
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भारत में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2025' का भव्य उद्घाटन, खाद्य प्रसंस्करण में नई दिशा

भारत मंडपम में मेगा इवेंट का आगाज़

भारत की समृद्ध पाक विरासत और खाद्य प्रसंस्करण की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2025' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम भारत को 'दुनिया की खाद्य टोकरी' के रूप में स्थापित करने और वैश्विक खाद्य केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


यह आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का एक विशाल संगम है, जिसमें दुनिया भर के निवेशक, निर्माता और खाद्य प्रेमी शामिल हो रहे हैं।


इस इवेंट में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 1200 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जो इसे खाद्य क्षेत्र में सबसे बड़े आयोजनों में से एक बनाता है।


इसका मुख्य उद्देश्य भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करना है, जो सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को भी बढ़ावा देगा।


इस बार के आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण 'श्री अन्न' यानी मोटा अनाज है, जिससे भारत यह दिखाएगा कि कैसे मिलेट्स खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए भविष्य का सुपरफूड बन सकता है।


यह कार्यक्रम केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए नहीं है, बल्कि छोटे किसानों, स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों को भी वैश्विक मंच प्रदान करने पर केंद्रित है।


इस आयोजन में फूड-टेक और एग्री-टेक स्टार्टअप्स के लिए 'स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज' का आयोजन किया जा रहा है, जिससे नए विचारों और नवाचारों को प्रोत्साहित किया जा सके।


यह इवेंट भारतीय किसानों को सीधे अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं से जुड़ने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा, जिससे उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।


प्रधानमंत्री मोदी का विजन भारत को केवल एक कृषि प्रधान देश के रूप में नहीं, बल्कि एक खाद्य प्रसंस्करण महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है। यह आयोजन उसी विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


यह तीन दिवसीय कार्यक्रम न केवल भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देगा, बल्कि दुनिया को भारतीय व्यंजनों की विविधता, खाद्य सुरक्षा के उच्च मानकों और खाद्य प्रसंस्करण में नवीनतम तकनीक से भी परिचित कराएगा।