भारत में श्रम कानूनों में ऐतिहासिक सुधार: चार नई संहिताएं अधिसूचित
सरकार का ऐतिहासिक कदम
नई दिल्ली। शुक्रवार को, सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया। इस सुधार के तहत, 29 मौजूदा श्रम कानूनों को एकीकृत और तर्कसंगत बनाया गया है।
नई संहिताओं के प्रमुख प्रावधान
इन नई संहिताओं में गिग श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य नियुक्ति पत्र, सभी क्षेत्रों में वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और समय पर भुगतान जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।
चार प्रमुख संहिताएं
ये चार संहिताएं हैं— वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020; और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता, 2020। इन सुधारों में महिलाओं के लिए विस्तारित अधिकार और सुरक्षा भी शामिल हैं, जैसे रात की पाली में काम करने की अनुमति, 40 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों के लिए मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच, और खतरनाक प्रक्रियाओं वाली इकाइयों में ईएसआईसी कवरेज।
प्रधानमंत्री का बयान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि ये संहिताएं ‘‘हमारे लोगों, विशेष रूप से नारी शक्ति और युवा शक्ति के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम और समय पर मजदूरी भुगतान, सुरक्षित कार्यस्थल और बेहतर अवसरों की मजबूत नींव तैयार करेंगी।’’
आर्थिक वृद्धि और श्रमिक सशक्तिकरण
उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, भारत की आर्थिक वृद्धि को मजबूत करेगा और रोजगार सृजन व उत्पादकता में वृद्धि करते हुए हमें विकसित भारत की ओर तेजी से ले जाएगा।’’
श्रम मंत्री का बयान
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘‘चारों श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया गया है और अब ये देश का कानून हैं।’’
