भारत में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर बढ़ेगा कर, जानें नई दरें
सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर कर में वृद्धि
नई दिल्ली: भारत में धूम्रपान करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव सामने आया है। संसद ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 को स्वीकृति दे दी है, जिससे सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर में भारी वृद्धि की संभावना बन गई है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उद्योग और उपभोक्ताओं की नजरें अब नई कीमतों और उनके प्रभाव पर टिकी हुई हैं।
सिगरेट पर टैक्स में वृद्धि का विवरण
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक में सिगरेट, सिगार, हुक्का तंबाकू और चबाने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। संशोधित कानून के तहत विभिन्न श्रेणियों और लंबाई की सिगरेट पर कर में कई गुना वृद्धि की गई है, जिसका सीधा असर खुदरा कीमतों पर पड़ने की संभावना है।
सिगरेट पर टैक्स में कितनी वृद्धि होगी?
पहले सिगरेट पर प्रति 1000 स्टिक 200 से 735 रुपये तक का उत्पाद शुल्क लगता था। अब यह बढ़कर 2700 से 11000 रुपये प्रति 1000 स्टिक हो जाएगा। कर की दरें श्रेणी और लंबाई के अनुसार निर्धारित की जाएंगी। अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में 18 रुपये की कीमत वाली सिगरेट की कीमत लगभग 72 रुपये तक पहुंच सकती है।
अन्य तंबाकू उत्पादों पर भी बढ़ेगा कर
अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर में वृद्धि
सिर्फ सिगरेट ही नहीं, बल्कि अन्य तंबाकू उत्पादों पर भी कर में भारी वृद्धि की गई है। चबाने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। हुक्का तंबाकू पर शुल्क 25 से बढ़कर 40 प्रतिशत होगा। स्मोकिंग मिक्सचर पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा, जहां कर 60 प्रतिशत से सीधे 300 प्रतिशत कर दिया गया है।
सरकार की नीति और राजस्व पहलू
सरकार की मंशा और राजस्व पहलू
सरकार का मानना है कि भारत में तंबाकू पर पहले से ही ऊंचे कर हैं, लेकिन आमदनी के अनुपात में सिगरेट अभी भी सस्ती हैं। यह वृद्धि धीरे-धीरे कर बढ़ाने की नीति से हटकर एक सख्त कदम मानी जा रही है। इसके अलावा, तंबाकू उत्पाद अब भी अप्रत्यक्ष कर संग्रह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, भले ही खपत में कमी आ रही हो।
फैसले पर प्रतिक्रियाएं और भविष्य के प्रभाव
मिली-जुली प्रतिक्रियाएं और आगे का असर
इस निर्णय पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोगों ने इसे धूम्रपान रोकने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है, जबकि कुछ ने चिंता जताई है कि लोग सस्ते विकल्पों की ओर बढ़ सकते हैं। नई दरें अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होंगी, जिसके बाद कंपनियां कीमतें तय करेंगी और असली प्रभाव आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा।
