भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को मिली मंजूरी

स्टारलिंक को मिली मंजूरी
भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत के लिए एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) से आवश्यक मंजूरी प्राप्त हुई है।
इन-स्पेस की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस मंजूरी के बाद स्टारलिंक के लिए देश में कमर्शियल सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने में कोई बाधा नहीं रह गई है।
अब स्टारलिंक को सरकार से स्पेक्ट्रम प्राप्त करना होगा और अपनी सेवाओं के लिए आवश्यक जमीनी ढांचा तैयार करना होगा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) सुरक्षा अनुपालन के लिए अमेरिकी कंपनी को ट्रायल स्पेक्ट्रम प्रदान करने के लिए तैयार है।
सेवा की शुरुआत की तैयारी
इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, स्टारलिंक कुछ महीनों में भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है।
स्टारलिंक ने पहले ही भारत में वीसैट प्रदाताओं के साथ व्यावसायिक समझौते कर लिए हैं। वीसैट सेवा प्रदाता उपग्रह-आधारित इंटरनेट और संचार समाधान प्रदान करते हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां स्थलीय कनेक्टिविटी सीमित है।
सरकारी मंजूरी और भविष्य की योजनाएं
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले सप्ताह बताया था कि स्पेसएक्स की स्टारलिंक सेवा के भारत में प्रवेश के लिए सभी आवश्यक जांच पूरी कर ली गई हैं। स्पेस रेगुलेटर से मंजूरी मिलने के बाद, कंपनी जब चाहें इस सेवा को शुरू कर सकती है।
मंजूरी से पहले, स्पेस रेगुलेटर ने स्टारलिंक को एक लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी किया था। स्टारलिंक पृथ्वी की कक्षा में घूमने वाले सैटेलाइट्स के नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है।
कंपनी वर्तमान में दुनिया के सबसे बड़े सैटेलाइट नेटवर्क का संचालन कर रही है, जिसमें 6,750 से अधिक सैटेलाइट्स कक्षा में स्थापित हैं। स्टारलिंक की इंटरनेट सेवाएं मंगोलिया, जापान, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, जॉर्डन, यमन, अजरबैजान और श्रीलंका जैसे कई देशों में पहले से उपलब्ध हैं।