भारत में स्टारलिंक से सैटेलाइट इंटरनेट की शुरुआत, जियो और एयरटेल को मिलेगी चुनौती

स्टारलिंक का सैटेलाइट इंटरनेट भारत में आ रहा है
Starlink: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का आगाज जल्द ही होने वाला है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SatComm) सेवा के लिए लाइसेंस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस मिल गया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। यदि यह पुष्टि होती है, तो एयरटेल और जियो के लिए यह एक नई चुनौती बन सकती है, जबकि आम लोगों के लिए इंटरनेट का उपयोग करना और भी सरल हो जाएगा।
तीसरी कंपनी को मिला महत्वपूर्ण लाइसेंस
सूत्रों के अनुसार, टेलीकॉम विभाग ने स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट के लिए आवश्यक लाइसेंस प्रदान किया है। इससे स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ चुका है। यह सेवा जल्द ही शुरू की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि स्टारलिंक से पहले जियो और एयरटेल की कंपनी OneWeb को भी यह लाइसेंस मिल चुका है, जिससे स्टारलिंक इस मामले में तीसरे स्थान पर है।
20 दिनों में शुरू होगा ट्रायल
DoT के सूत्रों के अनुसार, स्टारलिंक को लाइसेंस मिल चुका है और कंपनी को 15 से 20 दिनों के भीतर टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाएगा। इस मंजूरी के बाद, भारत के हर क्षेत्र में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
जियो और एयरटेल की चिंता कैसे बढ़ेगी?
स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा पहले से ही बांग्लादेश और भूटान में कार्यरत है, जिससे यह स्पष्ट है कि कंपनी की सेवा लोगों तक पहुंचने में सक्षम है। हालांकि, भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की शुरुआत में कुछ समय लगेगा। यहां स्टारलिंक को रिलायंस जियो और एयरटेल की OneWeb से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। हाल ही में, एलन मस्क ने एयरटेल और जियो के साथ साझेदारी की घोषणा की थी, लेकिन आगे की योजनाओं की पुष्टि अभी नहीं की गई है।
भारत में इंटरनेट कैसे पहुंचेगा हर किसी तक?
एलन मस्क की स्पेसएक्स द्वारा संचालित स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के माध्यम से लोगों को स्पेस के जरिए नेटवर्क प्रदान किया जाएगा। यह सेवा दुनिया के हर कोने में उपलब्ध होगी और उच्च गति इंटरनेट प्रदान करेगी।
स्टारलिंक की शुरुआत के बाद, दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाना आसान होगा, जहां टावर नहीं हैं या जहां ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध नहीं है। इस प्रकार, सैटेलाइट इंटरनेट सेवा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध होगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन स्पीड के साथ इंटरनेट का लाभ मिलेगा।