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भारत में स्वास्थ्य बीमा विवाद: निवा बूपा और मैक्स हॉस्पिटल्स के बीच कैशलेस सुविधा का निलंबन

भारत में स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में निवा बूपा और मैक्स हॉस्पिटल्स के बीच कैशलेस इलाज की सुविधा का निलंबन एक बड़ा विवाद बन गया है। निवा बूपा ने 16 अगस्त 2025 से यह सुविधा बंद कर दी, जिसके पीछे टैरिफ संशोधन पर सहमति न बन पाना बताया गया है। इस निर्णय का सीधा असर पॉलिसीधारकों पर पड़ा है, जिन्हें अब रिम्बर्समेंट आधार पर इलाज कराना होगा। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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भारत में स्वास्थ्य बीमा विवाद: निवा बूपा और मैक्स हॉस्पिटल्स के बीच कैशलेस सुविधा का निलंबन

स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियाँ

भारत का स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच समझौते की खींचतान का सबसे बड़ा असर आम मरीजों पर पड़ता है। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस ने 16 अगस्त 2025 से देशभर के सभी मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस इलाज की सुविधा को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब दोनों पक्ष टैरिफ संशोधन पर सहमत नहीं हो पाए। कंपनी ने कहा कि यह कदम केवल "प्रशासनिक और प्रक्रिया संबंधी चुनौतियों" के कारण उठाया गया, जबकि मैक्स हेल्थकेयर का आरोप है कि निवा बूपा लगातार दाम घटाने का दबाव बना रहा था।


कैशलेस सेवाओं का निलंबन

1 सितंबर 2025 को निवा बूपा ने अपनी वेबसाइट से मैक्स हॉस्पिटल्स को नेटवर्क हॉस्पिटल्स की सूची से हटा दिया, लेकिन पॉलिसीधारकों को इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के निदेशक डॉ. भवतोष मिश्रा ने कहा कि मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस सेवाएँ फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। अनुबंध मई 2025 में समाप्त हो गया था और टैरिफ संशोधन पर चर्चा जारी रही, लेकिन सहमति नहीं बन पाई।


मैक्स हेल्थकेयर की प्रतिक्रिया

मैक्स हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने निवा बूपा पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस सुविधा जारी रखी थी, लेकिन निवा बूपा अब और अधिक टैरिफ कम करने का दबाव बना रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है और इससे मरीजों की सुरक्षा और उपचार की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मरीजों की सहायता के लिए एक्सप्रेस डेस्क बनाई गई है, जिससे वे बीमा कंपनियों से रिम्बर्समेंट का दावा कर सकें।


निवा बूपा का नोटिफिकेशन

निवा बूपा ने कहा कि कई विकल्पों की पड़ताल के बाद उन्हें मजबूर होकर 16 अगस्त 2025 से मैक्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में कैशलेस सुविधा निलंबित करनी पड़ी। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कैशलेस सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर भी इलाज बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। पॉलिसीधारक मैक्स ग्रुप के 22 हॉस्पिटल्स में अपना इलाज जारी रख सकते हैं, लेकिन केवल रिम्बर्समेंट आधार पर।


अन्य बीमा कंपनियों की स्थिति

इस वर्ष, केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने भी मैक्स हॉस्पिटल्स के साथ कैशलेस सुविधा बंद की थी, लेकिन यह केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित थी। कंपनी ने कहा कि अस्थिर मांगों के कारण यह निर्णय लिया गया। निवा बूपा का दावा निपटान अनुपात 92% है, लेकिन Incurred Claims Ratio मात्र 59.92% है, जो बीमा कंपनी की लाभकारी मंशा को दर्शाता है।


उपभोक्ताओं के लिए संदेश

इस विवाद से यह स्पष्ट है कि उपभोक्ताओं को अपनी पॉलिसी लेते समय केवल प्रीमियम की सस्ती दर देखकर निर्णय नहीं करना चाहिए। बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) की जिम्मेदारी है कि वह मरीजों और बीमा कंपनियों के बीच टकराव को समय रहते सुलझाए। निवा बूपा और मैक्स हेल्थकेयर का विवाद यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य बीमा केवल सुरक्षा कवच नहीं है, बल्कि इसमें अनुबंध, लाभ और हितों का जटिल संतुलन भी शामिल है।