भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: क्या हैं इसके फायदे और नुकसान?

भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर अंततः सहमति बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम किएर स्टॉर्मर ने लंदन में इस महत्वपूर्ण डील पर हस्ताक्षर किए हैं। कई वर्षों की गहन वार्ता और प्रयासों के बाद, यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
फ्री ट्रेड डील के लाभ
इस फ्री ट्रेड डील से न केवल निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि दवाइयों, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन जैसे क्षेत्रों में आम जनता को भी लाभ होगा। हालांकि, कुछ उत्पादों की कीमतों में वृद्धि भी संभव है। इस डील के तहत, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का अर्थ
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का मतलब है कि दो या अधिक देशों के बीच ऐसा समझौता जिसमें एक-दूसरे के बाजारों में सामानों पर लगने वाले टैरिफ को समाप्त या कम किया जाता है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलता है और कंपनियों को नए बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलता है।
भारत-यूके डील के फायदे
इस डील के तहत, भारत को अपने 99% निर्यात उत्पादों पर ब्रिटेन में टैक्स फ्री एक्सपोर्ट की सुविधा मिलेगी। वहीं, भारत ब्रिटेन से आने वाले 90% उत्पादों पर आयात शुल्क को घटाएगा या समाप्त करेगा। इससे दोनों देशों के व्यापारियों और उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ होगा।
आम आदमी के लिए डील का महत्व
इस समझौते के परिणामस्वरूप, भारत में दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक सामान और फैशन आइटम्स सस्ते हो सकते हैं। भारतीय कंपनियों को ब्रिटिश बाजार में सस्ता एक्सेस मिलेगा, जिससे उनके मुनाफे और विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और व्यापार क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा।
क्या होगा सस्ता और क्या महंगा?
सस्ते होने वाले उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, मरीन प्रोडक्ट्स, स्टील और मेटल, व्हिस्की और ज्वेलरी शामिल हैं। वहीं, महंगे होने वाले उत्पादों में कृषि उत्पाद, कार और बाइक जैसे ऑटो प्रोडक्ट्स और कुछ श्रेणी के स्टील प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
PM मोदी का कृषि उत्पादों के लिए नया अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को लेकर कहा कि यह भारत के कृषि उत्पादों और खाद्य उद्योगों के लिए ब्रिटिश बाजार में नए अवसर पैदा करेगा। भारतीय वस्त्र, जूते, रत्न एवं आभूषण, समुद्री भोजन और इंजीनियरिंग वस्तुओं को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी। कई वर्षों की मेहनत के बाद, भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
बातचीत की शुरुआत
इस डील पर बातचीत जनवरी 2022 में शुरू हुई थी, जब बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। इसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक कारणों से इसमें देरी हुई, जो अब समाप्त हो चुकी है।