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भारत-यूके व्यापार समझौता: किसानों के लिए नई संभावनाएं

भारत और यूके के बीच हाल ही में हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) ने कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं खोली हैं। इस समझौते से लगभग 95% कृषि उत्पादों पर ड्यूटी फ्री निर्यात की अनुमति मिलेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह डील भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात को भी बढ़ावा देगी। जानें इस समझौते के अन्य लाभ और भारतीय बाजार में यूके का महत्व।
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भारत-यूके व्यापार समझौता: किसानों के लिए नई संभावनाएं

भारत-यूके FTA कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम

भारत-यूके FTA कृषि क्षेत्र: लंबे समय के इंतजार के बाद, भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुलाकात के बाद हुआ। इसे दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो व्यापार के साथ-साथ शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में भी बदलाव लाएगा। यह डील किसानों के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। आइए जानते हैं इस समझौते में क्या खास है, जो इसे किसानों के लिए एक मास्टरस्ट्रोक बनाता है।


किसानों को मिलने वाले लाभ

इस समझौते के तहत लगभग 95% कृषि उत्पादों पर ड्यूटी फ्री निर्यात की अनुमति मिलेगी। इसमें फल, सब्जियां, अचार, मसाले, रेडी-टू-ईट मील्स और प्रोसेस्ड फूड शामिल हैं। ये उत्पाद बिना किसी ड्यूटी के यूके पहुंचेंगे, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। पहले किसानों को अपनी आय का एक हिस्सा निर्यात ड्यूटी के रूप में चुकाना पड़ता था, लेकिन अब वे टैक्स की चिंता से मुक्त हो जाएंगे और यूके के बाजारों में अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।


एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में वृद्धि

ड्यूटी फ्री होने से अगले तीन वर्षों में कृषि निर्यात में 20% से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है। भारत ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के कृषि निर्यात का लक्ष्य रखा है, और यह डील इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। वर्तमान में भारत से भेजे जाने वाले उत्पादों पर लगभग 4 से 8 प्रतिशत तक निर्यात ड्यूटी लगती है।


अन्य लाभ

इस समझौते से भारत के समुद्री खाद्य निर्यात में भी वृद्धि की संभावना है। टूना, फिशमील और फीड्स पर 4.2% से 8.5% तक ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन अब आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और केरल के मछुआरों को 99% उत्पादों पर ड्यूटी फ्री निर्यात का लाभ मिलेगा।


समझौते के अन्य लाभ

इस समझौते से मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों को भी बढ़ावा मिलेगा। भारतीय कारीगरों, बुनकरों और दिहाड़ी मजदूरों की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके अलावा, भारतीय इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, कैमिकल, खाद्य उत्पादों और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारतीय ग्राहकों को ज्वैलरी, व्हिस्की, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, स्टील और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में लाभ होगा। ब्रिटेन की कारों पर शुल्क को 100% से घटाकर 10% किया जाएगा, जिससे टाटा और जेएलआर जैसी कंपनियों को फायदा होगा।


यूके का भारतीय बाजार में महत्व

ब्रिटेन भारत के कृषि निर्यात के लिए मसालों, चाय, आम और उच्च मूल्य वाले उत्पादों का एक महत्वपूर्ण बाजार है। भारत वैश्विक स्तर पर कृषि उत्पादों का लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करता है, जिसमें ब्रिटेन को निर्यात लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का है। ब्रिटेन भारतीय किसानों के लिए एक उच्च मूल्य वाला बाजार माना जाता है।