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भारत-रूस तेल व्यापार पर अमेरिका का दबाव बढ़ा

अमेरिका ने भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए आलोचना का सामना कराया है, जिसमें ट्रंप प्रशासन ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता दे रहा है। स्टीफन मिलर ने कहा कि ट्रंप का मानना है कि भारत को यह व्यापार बंद कर देना चाहिए। इस बीच, भारत का रूसी तेल आयात तेजी से बढ़ा है, जो अब उसके कुल आयात का 35% से 40% है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
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भारत-रूस तेल व्यापार पर अमेरिका का दबाव बढ़ा

भारत और अमेरिका के बीच तनाव

भारत-अमेरिका संबंध: अमेरिका लगातार भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए आलोचना का सामना करवा रहा है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक प्रमुख सहयोगी ने भारत की इस गतिविधि की निंदा की है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में भारत पर आरोप लगाया कि वह अप्रत्यक्ष रूप से रूस को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप प्रशासन उन देशों पर दबाव बना रहा है जो रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं।


स्टीफन मिलर की चेतावनी

ट्रंप के प्रमुख सलाहकार स्टीफन मिलर ने कहा कि ट्रंप का स्पष्ट मानना है कि भारत को रूस से तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत का रूस से तेल खरीदना इस युद्ध को वित्तीय सहायता देना है, जो स्वीकार्य नहीं है।


भारत का तेल व्यापार

ट्रंप के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने भारत के रूस के साथ तेल व्यापार के विस्तार पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति चीन के समान है जब बात रूस से तेल खरीदने की आती है। हालांकि, मिलर ने प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच संबंधों को 'जबरदस्त' बताया।


टैरिफ की घोषणा

30 जुलाई को, ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से हथियार और तेल खरीदने पर संभावित दंड की चेतावनी भी दी। टैरिफ की घोषणा के बाद, ट्रंप ने भारत-रूस संबंधों पर तीखा हमला किया और दोनों देशों को 'मृत अर्थव्यवस्थाएँ' करार दिया।


भारत का रूसी तेल आयात

हाल के वर्षों में, भारत का रूसी तेल आयात तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में, भारत का केवल 3% तेल रूस से आता था, जो अब बढ़कर 35% से 40% हो गया है।