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भारत-रूस संबंध: PM मोदी ने मित्रता की स्थिरता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत-रूस के 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता की स्थिरता और व्यापार संबंधों में नई संभावनाओं पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में भारत-रूस की मित्रता कई उतार-चढ़ावों के बावजूद एक ध्रुव तारे की तरह स्थिर रही है। इस सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या नई योजनाएं सामने आईं।
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भारत-रूस संबंध: PM मोदी ने मित्रता की स्थिरता पर जोर दिया

भारत-रूस संबंधों की स्थिरता


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत और रूस के बीच 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के संबंध कई ऐतिहासिक मील के पत्थर पर हैं। उन्होंने बताया कि 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने इस रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी, और 2010 में इसे विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक दर्जा मिला।


समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंध


मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में विश्व में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन भारत-रूस की मित्रता हमेशा स्थिर रही है। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में दोनों देशों के संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।


व्यापार संबंधों में नई संभावनाएं


प्रधानमंत्री ने बताया कि आज राष्ट्रपति पुतिन और वे भारत-रूस व्यापार मंच में शामिल होंगे, जो व्यापार संबंधों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-उत्पादन और सह नवाचार के नए दरवाजे खुलेंगे। दोनों पक्ष यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयासरत हैं।


युवाओं के लिए रोजगार के अवसर


उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जैसे कि आर्कटिक में नाविकों की ट्रेनिंग। यह मेक इन इंडिया को भी सशक्त करेगा।


ऊर्जा सुरक्षा का महत्व


ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। असैन्य परमाणु ऊर्जा में सहयोग स्वच्छ ऊर्जा की प्राथमिकताओं को साकार करने में सहायक है।


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