भारत-रूस संबंध: मोदी और पुतिन की दोस्ती की 22 साल की यात्रा
भारत और रूस के बीच स्थायी संबंध
नई दिल्ली: भारत की विदेश नीति में रूस हमेशा एक विश्वसनीय और मजबूत सहयोगी रहा है। चाहे राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया हो या वैश्विक परिस्थितियों में, भारत-रूस के संबंधों में निरंतरता बनी रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच का संबंध अचानक नहीं बना है, बल्कि यह लगभग 25 वर्षों का है। दोनों नेताओं की पहली मुलाकात 2001 में हुई थी, और उस वर्ष का मॉस्को दौरा आज भी भारत-रूस संबंधों की मजबूत नींव के रूप में याद किया जाता है।
क्रेमलिन द्वारा साझा की गई पुरानी तस्वीरें
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने पुतिन की भारत यात्रा से पहले उनकी पहली मुलाकात की पुरानी तस्वीरें साझा की हैं। इन तस्वीरों ने न केवल पुरानी यादों को ताजा किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि दोनों नेताओं के बीच का संबंध कितनी पुरानी समझ और विश्वास पर आधारित है। 2001 में जब अटल बिहारी वाजपेयी मॉस्को दौरे पर गए थे, तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और यह उनकी पहली उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश यात्रा थी।
पहली मुलाकात का महत्व
उस समय भारत और रूस 'स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप' को औपचारिक रूप दे रहे थे। इस दौरे के दौरान रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा और विज्ञान-तकनीक के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए, जो भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने में सहायक बने। आधिकारिक रिकॉर्ड और पुरानी तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लिया था। तस्वीरों में मोदी, पुतिन और वाजपेयी एक साथ नजर आते हैं। यह पहली बार था जब नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने मिले थे।
मोदी और पुतिन की गहरी दोस्ती
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, उनकी पुतिन के साथ पहली आधिकारिक मुलाकात 9 दिसंबर 2014 को नई दिल्ली में हुई। पुतिन भारत दौरे पर आए थे और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत के साथ कई निजी मुलाकातें भी हुईं। इसके बाद मोदी और पुतिन की दोस्ती और भी गहरी होती गई।
भारत-रूस के संबंधों की मजबूती
आज दोनों नेता अपने-अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके व्यक्तिगत संबंधों ने भारत-रूस के पुराने रिश्तों को और मजबूत किया है। यह दीर्घकालिक सहयोग दर्शाता है कि दोनों देशों का रिश्ता केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सदियों पुरानी मित्रता और विश्वास पर आधारित है।
