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भारत-रूस संबंधों में मजबूती, अमेरिका ने लगाया 25% टैरिफ

भारत और रूस के बीच संबंधों में पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में अपने विचार साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने भारत के उच्च टैरिफ और रूस के साथ उसके संबंधों पर प्रकाश डाला है। भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, अब रूस से अधिक तेल खरीद रहा है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।
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भारत-रूस संबंधों में मजबूती, अमेरिका ने लगाया 25% टैरिफ

भारत और रूस के संबंधों में वृद्धि

पिछले तीन वर्षों में भारत और रूस के बीच संबंध और भी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ गई है। इस स्थिति का परिणाम अब केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिका ने भारत के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं। अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में व्यापार में कमी आई है क्योंकि भारत के टैरिफ बहुत अधिक हैं, जो दुनिया में सबसे ऊंचे हैं।


ट्रंप का बयान और भारत पर टैरिफ

ट्रंप ने अपने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि भारत ने हमेशा अपने अधिकांश सैन्य उपकरण रूस से खरीदे हैं और वे चीन के साथ मिलकर रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं। इस समय जब सभी चाहते हैं कि रूस यूक्रेन में हिंसा रोके, तब भारत को 1 अगस्त से 25% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा कि भारत को इस बढ़े हुए टैरिफ के लिए तैयार रहना चाहिए।


भारत का तेल आयात

भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, पारंपरिक रूप से मध्य पूर्व से तेल खरीदता था। लेकिन जब रूस ने वैकल्पिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट देना शुरू किया, तब भारत ने रूस से तेल का आयात बढ़ा दिया। यह कदम रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया था। भारत और रूस के संबंधों की निकटता के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि नई दिल्ली के संबंध कई मानदंडों पर आधारित हैं।