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भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु: ईरान से 290 भारतीयों की सुरक्षित वापसी

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे 290 भारतीयों को सुरक्षित निकाला है। इनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं। ईरान के हालातों के बारे में लौटे नागरिकों ने अपनी चिंताओं और अनुभवों को साझा किया। जानें कि कैसे भारतीय दूतावास ने उनकी मदद की और ईरान में क्या स्थिति है।
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भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु: ईरान से 290 भारतीयों की सुरक्षित वापसी

ऑपरेशन सिंधु का अद्यतन

ऑपरेशन सिंधु का ताजा अपडेट: भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। हाल ही में, ईरान के मशहद से एक उड़ान में लगभग 290 भारतीय अपने देश लौट आए हैं, जिनमें अधिकांश छात्र शामिल हैं। ईरान सरकार ने भारतीयों को वापस लाने के लिए मशहद से तीन उड़ानों की व्यवस्था की थी, जिनमें से पहली उड़ान बीती रात आई। शेष दो उड़ानें आज दिन में आएंगी, जिससे लगभग एक हजार भारतीयों की वापसी संभव होगी।


भारतीय दूतावास की सहायता

भारतीय दूतावास ने पहले भारतीयों को तेहरान से कोम पहुंचाया और फिर वहां से मशहद भेजा। अब ईरान के अधिकारियों की मदद से उन्हें भारत लाया जा रहा है। जब पहली उड़ान दिल्ली पहुंची, तो उसमें आए भारतीयों ने राहत की सांस ली और भारत माता की जय के नारे लगाए। उन्होंने मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया और ईरान के हालातों के बारे में मीडिया से बात की।


भारतीयों की आपबीती

ईरान से लौटे नागरिकों की कहानियाँ


नोएडा की निवासी तजकिया फातिमा ने बताया कि ईरान में स्थिति बहुत खराब है। इजरायल के हमलों के कारण वहां तबाही का मंजर है। इमारतें और सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं, और कई लोग अपने घर छोड़कर जा चुके हैं। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता था कि हम वहां से निकल पाएंगे, लेकिन भारत सरकार की मदद से हम आज अपने परिवार के पास हैं।'


एलिया बतूल ने कहा कि वतन लौटकर उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ईरान के हालात देखकर वे चिंतित थीं। हालांकि उन्हें होटल में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन डर था कि कब होटल पर मिसाइल हमला हो जाए। उन्होंने भारतीय दूतावास की मदद के लिए आभार व्यक्त किया।


दिल्ली में लौटे नागरिकों की चिंताएँ

दिल्ली निवासी अकबर ने बताया कि ईरान में हर जगह तबाही का मंजर था। उन्होंने कहा कि जब वे मशहद जा रहे थे, तो उन्होंने एक ड्रोन और मिसाइल को गिरते देखा, जिससे इमारतें ध्वस्त हो गईं। कई भारतीय अभी भी तेहरान में फंसे हैं, और भारतीय दूतावास उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।