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भारत सरकार का निर्यातकों के लिए राहत पैकेज, अमेरिकी टैरिफ का सामना

भारत सरकार अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज लाने की योजना बना रही है। इस पैकेज का उद्देश्य कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों को तत्काल सहायता प्रदान करना है। सरकार छोटे निर्यातकों को नकदी की कमी से बचाने और नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की खोज में मदद करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। जानें इस राहत पैकेज के संभावित लाभ और इसके कार्यान्वयन की योजना के बारे में।
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भारत सरकार का निर्यातकों के लिए राहत पैकेज, अमेरिकी टैरिफ का सामना

निर्यातकों के लिए राहत की तैयारी

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए उच्च टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों के लिए केंद्र सरकार एक महत्वपूर्ण राहत पैकेज लाने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार उन उद्योगों को समर्थन देने के लिए एक विशेष योजना पर काम कर रही है, जो इस टैरिफ से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।


कपड़ा और रत्न उद्योग को प्राथमिकता

रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का सामना कर रहे कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़ा और रसायन जैसे क्षेत्रों को तत्काल राहत देने की तैयारी की जा रही है। यह पैकेज कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को सहायता देने के लिए बनाए गए पैकेज के समान होगा। सरकार का मुख्य उद्देश्य छोटे निर्यातकों को नकदी की कमी से बचाना, नौकरियों की सुरक्षा करना और भारतीय उत्पादों के लिए नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की खोज में मदद करना है।


अमेरिका का टैरिफ और उसके प्रभाव

हाल ही में अमेरिका ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लागू किया है। इसमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से तेल खरीदने के लिए जुर्माने के रूप में लगाया गया है। इस निर्णय के कारण भारतीय निर्यातक अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा से बाहर होने के कगार पर पहुंच गए हैं।


राहत पैकेज की संभावनाएं

सूत्रों के अनुसार, इस राहत पैकेज में छोटे निर्यातकों के लिए आसान ऋण, पूंजी की समस्याओं को हल करने के उपाय और उत्पादन को बिना रुकावट जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता जैसे कई घोषणाएं शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, सरकार बजट में घोषित 'एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन' को तेजी से लागू करने पर भी जोर दे रही है, ताकि वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी को और मजबूत किया जा सके। यह पैकेज न केवल मौजूदा संकट से उबारने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में भी भारतीय व्यापार को ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा।