भारत सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए कर रही है प्रयास
भारत सरकार की सक्रियता
समाचार : विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि भारत सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों, ललित मोदी और विजय माल्या, को देश में वापस लाने के लिए सभी कानूनी और कूटनीतिक उपायों का सहारा ले रही है। मंत्रालय ने बताया कि इन मामलों को सरकार अत्यंत गंभीरता से ले रही है और संबंधित देशों के साथ मिलकर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि भारत ने दोनों भगोड़ों के खिलाफ ठोस कानूनी दस्तावेज और सबूत विदेशी अदालतों और सरकारों के समक्ष प्रस्तुत किए हैं। विजय माल्या के मामले में भारत ने पहले ही कई स्तरों पर कानूनी लड़ाई लड़ी है, और ब्रिटेन की अदालतों में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया काफी लंबी रही है। सरकार का कहना है कि कानूनी बाधाओं के बावजूद प्रयास जारी हैं और सभी संभावित विकल्पों पर काम किया जा रहा है।
ललित मोदी के मामले में भी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इंटरपोल नोटिस, आपसी कानूनी सहायता संधियों और कूटनीतिक माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, किसी भी भगोड़े को शरण देने का मामला अंतरराष्ट्रीय कानून और आपसी समझौतों से संबंधित होता है, इसलिए प्रक्रिया में समय लगता है, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट और सख्त है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आर्थिक अपराधियों को कानून से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसे मामलों में भारत न केवल कानूनी बल्कि राजनयिक स्तर पर भी दबाव बनाए रखेगा। विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि जैसे ही कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी, दोनों आरोपियों को भारत लाने के लिए ठोस परिणाम सामने आएंगे।
इस बयान के बाद एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में आ गया है कि देश से भागे आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए सरकार कितनी सक्रिय है। मंत्रालय के अनुसार, यह लड़ाई लंबी हो सकती है, लेकिन भारत अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ेगा।
