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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सियॉम मिशन 4 फिर से स्थगित

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों का एक्सियॉम मिशन 4 एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। नासा और एक्सियॉम स्पेस ने सुरक्षा जांच को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। इस मिशन की नई तिथि की घोषणा अभी बाकी है। जानें इस मिशन की विशेषताएँ और देरी के कारण।
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सियॉम मिशन 4 फिर से स्थगित

एक्सियॉम मिशन 4 का स्थगन

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने वाला एक्सियॉम मिशन 4 (Ax-4) एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। पहले इस मिशन की तिथि 22 जून, 2025 निर्धारित की गई थी, लेकिन अब नई तिथि की घोषणा अभी बाकी है। नासा और एक्सियॉम स्पेस ने सुरक्षा जांच को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। यह मिशन पहले भी कई बार स्थगित हो चुका है, और नासा की सतर्कता के कारण इसमें बार-बार देरी हो रही है.


नासा की सुरक्षा प्राथमिकताएँ

नासा ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हाल ही में किए गए मरम्मत कार्यों की समीक्षा के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। विशेष रूप से, रूसी ज़वेज़दा सर्विस मॉड्यूल में दबाव संबंधी समस्याओं के बाद मरम्मत की गई थी, जिसका मूल्यांकन अभी जारी है। एक्सियॉम स्पेस ने भी पुष्टि की है कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। नासा का कहना है कि वह किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचना चाहता है, ताकि चालक दल और मिशन की सफलता को सुनिश्चित किया जा सके.


शुभांशु शुक्ला और मिशन की विशेषताएँ

एक्सियॉम-4 मिशन भारत के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। उनके साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की-विस्निव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु शामिल हैं। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए 40 वर्षों बाद पहला सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन है। शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं, इसरो के गगनयान मिशन के लिए भी चुने गए हैं। उनकी यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी.


देरी के कारण

एक्सियॉम-4 मिशन की शुरुआत मई 2025 में प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी और पर्यावरणीय कारणों से यह कई बार टल चुका है। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन में इलेक्ट्रिकल हार्नेस की खराबी, फाल्कन 9 रॉकेट की तैयारियों में देरी, तरल ऑक्सीजन रिसाव, प्रतिकूल मौसम और ज़वेज़दा मॉड्यूल की समस्याएं इसके प्रमुख कारण रहे हैं। नासा और स्पेसएक्स की टीमें हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं, ताकि मिशन पूरी तरह सुरक्षित हो.