भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा: 7 दिन की अद्भुत कहानी

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में जीवन
शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष जीवन: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में 7 दिन बिताए हैं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं, जो धरती से 248 मील की दूरी पर स्थित है। यह स्थान धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊँचाई पर है, जो 1312336 फीट के बराबर है। शुभांशु को वहां 14 दिन बिताने हैं, जिनमें से 7 दिन पहले ही गुजर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने रिसर्च के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी, अपने परिवार और स्कूल के छात्रों से भी बातचीत की। छात्रों से बातचीत में उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन में उनका जीवन कैसा है और उनकी टीम क्या कार्य कर रही है।
रोजमर्रा के कार्य कैसे करते हैं?
छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए शुभांशु ने बताया कि वे स्पेस स्टेशन के अंदर दीवार या छत पर खुद को बांधकर सोते हैं और स्लीपिंग बैग का उपयोग करते हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि स्लीपिंग बैग ठीक से बंधा हो, अन्यथा वे तैरकर इधर-उधर टकरा सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में वे पैक्ड फूड का सेवन करते हैं। अंतरिक्ष यात्री अपनी पसंद का खाना पैक करके ले जा सकते हैं। शुभांशु ने गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस पैक किया था, जिसे वे खा रहे हैं और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को भी दे रहे हैं।
शुभांशु ने बताया कि स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री बीमार भी पड़ सकते हैं और बीमार होने पर वे दवाई लेते हैं। उनके पास हर प्रकार की दवाई उपलब्ध है और बीमार होने पर उनकी देखभाल परिवार की तरह की जाती है।
बोरियत से बचने के लिए, शुभांशु और उनकी टीम एंटरटेनमेंट के लिए गेम्स खेलते हैं। इसके अलावा, वे हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज भी करते हैं, जिसके लिए वहां एक साइकिल है, जिसमें सीट नहीं है।
टीम का कार्य
शुभांशु ने बताया कि स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री अल्ट्रासाउंड और माइंड पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने एस्ट्रोनॉट स्लावोस्ज उजनांस्की विस्नीवस्की के साथ मिलकर माइंड कंप्यूटर इंटरफेस पर रिसर्च की। नासा की फ्लाइट इंजीनियर निकोल एयर्स ने दिमाग में रक्त संचार पर अध्ययन किया है।