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भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सितारों का उभार, सीनियर्स की चुनौती बढ़ी

भारतीय क्रिकेट टीम का हालिया इंग्लैंड दौरा युवा खिलाड़ियों के उभार का गवाह बना है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और अन्य ने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा है, जिससे विराट कोहली और रोहित शर्मा की वनडे टीम में वापसी पर सवाल उठने लगे हैं। बीसीसीआई अब युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे 2027 के विश्व कप के लिए एक मजबूत टीम तैयार की जा सके। जानें इस बदलाव के पीछे की कहानी और सीनियर्स की चुनौती के बारे में।
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भारतीय क्रिकेट का नया युग


भारतीय क्रिकेट टीम का हालिया दौरा इंग्लैंड कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहा है। युवा खिलाड़ियों ने न केवल सीरीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि सीनियर खिलाड़ियों की स्थिति पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, रिंकू सिंह, अर्शदीप सिंह और मुकेश कुमार जैसे युवा प्रतिभाओं ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है।


इस नए युग में, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की वनडे टीम में वापसी अब एक चुनौती बनती जा रही है। इंग्लैंड दौरे के दौरान इन दोनों सीनियर्स को आराम दिया गया था, लेकिन उनके विकल्पों ने जिस तरह से अवसर का लाभ उठाया, उसने यह संकेत दिया है कि टीम प्रबंधन भविष्य की योजना बनाने में जुटा है।


2027 में होने वाले अगले वनडे विश्व कप तक, कोहली की उम्र 38 और रोहित की 40 वर्ष होगी। इस संदर्भ में, उम्र, फिटनेस और युवा खिलाड़ियों के प्रभाव को देखते हुए चयनकर्ताओं के लिए सीनियर्स को फिर से टीम में शामिल करना आसान नहीं होगा।


सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई अब 'यूथ-ओरिएंटेड अप्रोच' को प्राथमिकता दे रहा है। वनडे टीम में अब ऐसे खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है जो लंबे समय तक खेल सकें, ताकि 2027 विश्व कप तक एक मजबूत और स्थायी टीम बनाई जा सके।


इस बीच, कोहली और रोहित के पास टेस्ट और आईपीएल जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर प्रदर्शन कर खुद को साबित करने का अवसर है। उनकी वनडे टीम में वापसी अब पूरी तरह से फॉर्म, फिटनेस और टीम की आवश्यकताओं पर निर्भर करेगी।