भारतीय नौसेना में शामिल हुए नए युद्धपोत उदयगिरि और हिमगिरि

उदयगिरि और हिमगिरि युद्धपोत
Udaygiri-Himgiri New Ships: भारत अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए लगातार नए कदम उठा रहा है। भारतीय सेना को दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए नवीनतम तकनीक से लैस हथियार दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में, भारतीय नौसेना की ताकत में भी वृद्धि होने जा रही है। आज दोपहर 2:45 बजे, भारतीय नौसेना के बेड़े में दो नए युद्धपोत, उदयगिरि और हिमगिरि, शामिल किए जाएंगे। ये जहाज भारत, चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा में कैसे मदद करेंगे? इनके नाम के पीछे की कहानी क्या है?
उदयगिरि और हिमगिरि की विशेषताएँ
हिंद महासागर में भारत की शक्ति में और वृद्धि होने जा रही है। आज विशाखापत्तनम में, उदयगिरि और हिमगिरि को नौसेना में शामिल किया जाएगा, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहेंगे। ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक) श्रेणी के फ्रिगेट के अनुवर्ती मॉडल हैं। इनकी हथियार प्रणाली, स्टेल्थ तकनीक और सेंसर में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। उदयगिरि का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है, जबकि हिमगिरि को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है।
इन जहाजों की तकनीकी विशेषताएँ
इन युद्धपोतों को दुश्मनों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। इनमें इजरायली तकनीक पर आधारित रडार सिस्टम और 76 मिमी की इटालियन तोप शामिल है, जिसे भारत में निर्मित किया गया है। इसके अलावा, ये जहाज जमीन से दुश्मन को निशाना बनाने वाली मिसाइलों से भी लैस हैं, जो 70 किलोमीटर से अधिक दूर के लक्ष्यों को पहचानने और उन पर हमला करने में सक्षम हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इन जहाजों में कुल 16 लॉन्चर्स स्थापित किए गए हैं।
उदयगिरि की गति
इसके अतिरिक्त, 8 ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम और पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए RBU-6000 रॉकेट लॉन्चर्स भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि उदयगिरि को अपनी श्रेणी का सबसे तेज जहाज होने का गौरव प्राप्त है।