भारतीय परिवारों के पास सोने की संपत्ति GDP से अधिक, जानें आंकड़े
भारतीय परिवारों के पास सोने की संपत्ति
नई दिल्ली - भारतीय परिवारों के पास सोने की कुल संपत्ति अब 5 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 450 लाख करोड़ रुपये) से अधिक हो गई है। यह राशि भारत की मौजूदा 4.1 ट्रिलियन डॉलर यानी लगभग 370 लाख करोड़ रुपये की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से भी ज्यादा है। सोने की कीमतों में आई वृद्धि के कारण भारतीय घरों में जमा सोने की वैल्यू में तेजी आई है।
सोने की मात्रा और कीमत
वैश्विक निवेश बैंक मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास लगभग 34,600 टन सोना है। वर्तमान में घरेलू बाजार में सोने की कीमत लगभग 1.38 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 4,500 डॉलर प्रति औंस (लगभग 28 ग्राम) के पार है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर है।
सोने की भूमिका
आंकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सोने की भूमिका केवल निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक संपत्ति भी है। आमतौर पर माना जाता है कि संपत्ति की कीमत बढ़ने से लोग अधिक समृद्ध महसूस करते हैं और खर्च बढ़ाते हैं, जिसे 'वेल्थ इफेक्ट' कहा जाता है। हालांकि, एमके ग्लोबल की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत में लगभग 75 से 80 प्रतिशत सोना ज्वेलरी के रूप में रखा जाता है, जिसे लोग दीर्घकालिक बचत और पारिवारिक परंपरा के रूप में देखते हैं। इस कारण सोने की कीमतों में वृद्धि का रोजमर्रा की खपत या उपभोक्ता खर्च पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।
आरबीआई का सोने का भंडार
केवल आम नागरिक ही नहीं, बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी अपने सोने के भंडार को बढ़ा रहा है। वर्ष 2024 से अब तक, RBI ने अपने भंडार में लगभग 75 टन सोना जोड़ा है। इसके साथ ही, भारत का कुल सरकारी सोने का भंडार बढ़कर लगभग 880 टन हो गया है, जो देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का लगभग 14 प्रतिशत है।
