भारतीय रेलवे की इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम: चेन खींचने का रहस्य

भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणाली
भारतीय रेलवे: जब आप ट्रेन में यात्रा करते हैं, तो हर कोच में एक लाल रंग की चेन लटकती हुई देखी जाती है। कई लोग इसे केवल सजावट समझते हैं, लेकिन यह वास्तव में रेलवे की इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे 'अलार्म चेन पुलिंग' या ACP कहा जाता है। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि एक साधारण चेन खींचने से पूरी ट्रेन कैसे रुक जाती है। इसके पीछे की तकनीक काफी रोचक है।
यह प्रणाली न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पूरे कोच को एक मैकेनिकल और एयर ब्रेकिंग नेटवर्क से जोड़ती है। आइए जानते हैं कि इस छोटी सी चेन के पीछे पूरा सिस्टम कैसे काम करता है।
चेन खींचने पर ब्रेक पाइप से हवा का निकलना
चेन खींचते ही ब्रेक पाइप से हवा निकलती है
जब कोई इस चेन को खींचता है, तो कोच के अंदर एक मैकेनिकल वॉल्व खुल जाता है। यह वॉल्व ट्रेन के एयर ब्रेक सिस्टम से जुड़ा होता है, जिसमें पाइपों के माध्यम से लगातार कंप्रेस्ड हवा बहती रहती है। यह हवा एक विशेष दबाव बनाए रखती है, जिससे ब्रेक खुले रहते हैं। लेकिन जैसे ही हवा बाहर निकलती है, पूरा सिस्टम प्रेशर लॉस को इमरजेंसी मानता है और ट्रेन अपने आप रुक जाती है।
ड्राइवर को तुरंत सूचना मिलती है
ड्राइवर को मिलती है तुरंत जानकारी
नई ट्रेनों में, जैसे ही चेन खींची जाती है, ड्राइवर यानी लोको पायलट को कंट्रोल पैनल पर एक अलार्म और लाइट सिग्नल के माध्यम से पता चल जाता है कि किस कोच में चेन खींची गई है। इसके बाद गार्ड या रेलवे स्टाफ उस कोच में पहुंचकर जांच करते हैं कि चेन क्यों खींची गई।
बिना वजह चेन खींचने पर सजा
बिना वजह खींची चेन तो हो सकती है सजा
रेलवे में चेन खींचना एक इमरजेंसी कार्रवाई मानी जाती है, इसलिए यदि कोई इसे मजाक में खींचता है या बिना किसी उचित कारण के ऐसा करता है, तो उसे भारी जुर्माना या जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे अब इस प्रणाली को और अधिक हाईटेक बना रहा है—जैसे CCTV कैमरे, सेंसर आधारित अलार्म और इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकिंग सिस्टम, जो बिना देरी के लोकेशन को रिकॉर्ड करते हैं।