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भारतीय रेलवे ने 'रुद्राक्ष' के साथ बनाया नया रिकॉर्ड

भारतीय रेलवे ने चंदौली में 'रुद्राक्ष' नामक एक सुपर लंबी मालगाड़ी का सफल संचालन किया है, जिसने 354 खाली वैगनों और 7 इंजनों के साथ 209 किलोमीटर की दूरी को महज 5 घंटे 10 मिनट में तय किया। यह नई पहल न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि माल ढुलाई के पारंपरिक तरीकों को चुनौती देने वाली एक नवाचार भी है। जानें इस उपलब्धि के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
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भारतीय रेलवे की नई उपलब्धि

भारतीय रेलवे ने लॉजिस्टिक्स और परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। चंदौली के पं. दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में 'रुद्राक्ष' नामक एक सुपर लंबी मालगाड़ी का सफल संचालन किया गया है, जिसने न केवल एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, बल्कि भविष्य में माल परिवहन के लिए नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त किया है।


यह चार किलोमीटर लंबी मालगाड़ी 354 खाली वैगनों और 7 इंजनों के साथ गंजख्वाजा स्टेशन (चंदौली) से गढ़वा रोड स्टेशन (झारखंड) तक 209 किलोमीटर की दूरी को केवल 5 घंटे 10 मिनट में तय कर गई। इसकी औसत गति लगभग 40 किमी प्रति घंटा रही, जो इस भारी और लंबे रैक के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जा रही है।


रेलवे की इस पहल को केवल एक तकनीकी उपलब्धि के रूप में नहीं देखा जा रहा है, बल्कि यह पारंपरिक माल ढुलाई के तरीकों को चुनौती देने वाली एक नवाचार के रूप में उभर कर सामने आई है। लंबी दूरी तक भारी मात्रा में वैगनों को एक साथ ले जाने से संपर्क मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे माल समय पर गंतव्य तक पहुंच सकेगा। यह विशेष रूप से कोयला, खनिज और भारी उद्योगों की आवश्यकताओं को देखते हुए महत्वपूर्ण है।


PDDU रेल मंडल भारतीय रेलवे के प्रमुख मालभाड़ा नेटवर्क का हिस्सा है, जो औद्योगिक क्षेत्रों को समय पर वैगनों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। यहां मालगाड़ियों के वैगनों की तकनीकी जांच और मरम्मत की सुविधा भी उपलब्ध है। इस नई पहल से यह स्पष्ट हो रहा है कि मंडल की प्राथमिकता अब केवल संचालन नहीं, बल्कि प्रबंधन कुशलता और नवाचार की ओर बढ़ रही है।


'रुद्राक्ष' से पहले छत्तीसगढ़ में 'सुपरवासुकी' नाम की मालगाड़ी चलाई गई थी, जिसमें 5 इंजन थे, लेकिन 'रुद्राक्ष' ने उसे पीछे छोड़ते हुए एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी का दर्जा हासिल कर लिया है, ऐसा रेलवे अधिकारियों का दावा है।