भारतीय वायुसेना की नई ताकत: 60 स्टेल्थ फाइटर जेट्स की खरीद की योजना

भारतीय वायुसेना की नई रणनीति
Indian Air Force: भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपनी हवाई युद्ध क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वायुसेना ने तीन स्क्वाड्रन, यानी कुल 60 पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट्स खरीदने की योजना बनाई है। यह निर्णय चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य ताकत के संयुक्त खतरे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन रहा है। इस बारे में एक वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी ने जानकारी दी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय वायुसेना को आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है, खासकर जब भारत अपने स्वदेशी फाइटर जेट प्रोजेक्ट (AMCA) पर तेजी से काम कर रहा है।
अमेरिका और रूस से प्रस्ताव
अमेरिका और रूस का प्रस्ताव
अमेरिका ने F-35 और रूस ने Sukhoi Su-57 Felon जैसे अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स भारत को पेश किए हैं। ये दोनों विमान स्टेल्थ तकनीक और आधुनिक युद्ध प्रणालियों से लैस हैं, जो युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अभी तक भारतीय वायुसेना को इन प्रस्तावों पर चर्चा में पूरी तरह से शामिल नहीं किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पर अंतिम निर्णय 2026 तक लिए जाने की उम्मीद है।
वर्तमान फ्लीट में स्टेल्थ की कमी
मौजूदा फ्लीट में स्टेल्थ की कमी
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास Sukhoi Su-30MKI, Dassault Rafale और HAL Tejas Mk1A जैसे चौथी और 4.5 पीढ़ी के फाइटर जेट्स हैं। लेकिन इनमें से कोई भी विमान स्टेल्थ तकनीक से लैस नहीं है, जो आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूसरी ओर, चीन के पास पहले से ही J-20 स्टेल्थ फाइटर जेट्स हैं, और पाकिस्तान भी J-10CE फाइटर जेट्स के साथ अपनी ताकत बढ़ा रहा है।
2026 में निर्णय की संभावना
2026 में अंतिम फैसला
सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय अमेरिकी F-35 और रूसी Su-57 के प्रस्तावों की गहन जांच करेगा। इस प्रक्रिया में तकनीकी, रणनीतिक और आर्थिक पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा। मंत्रालय द्वारा 2026 तक इस सौदे पर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह कदम भारतीय वायुसेना को क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए और मजबूत बनाएगा।