भारतीय वायुसेना की नई ताकत: मेटेओर मिसाइलों की खरीद की तैयारी
 
                           
                        भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में वृद्धि
नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में, भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई सैन्य और आतंकवादी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद, भारतीय वायुसेना अपनी मारक क्षमता और दूरपरिधि (BVR) क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
पाकिस्तान और चीन की मुश्किलें बढ़ेंगी, राफेल की शक्ति में इजाफा होगा; भारतीय वायुसेना जल्द ही ‘मेटेओर’ मिसाइलें प्राप्त करेगी: सरकारी सूत्रों के अनुसार, वायुसेना बड़ी संख्या में यूरोपीय निर्मित मेटेओर एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदने की योजना बना रही है। इन मिसाइलों में रैमजेट प्रणोदन प्रणाली है, जो उच्च गति और लंबी मारक दूरी प्रदान करती है, जिससे ‘पहला वार, पहली जीत’ सिद्धांत में दक्षता मिलती है। इस खरीद का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान में, भारतीय वायुसेना के 36 राफेल लड़ाकू विमानों पर मेटेओर मिसाइलें तैनात हैं, जो 2016 में फ्रांस से खरीद के बाद से इन विमानों का हिस्सा हैं। भविष्य में नौसेना के लिए ऑर्डर किए गए 26 राफेल मरीन जेट्स में भी इन मिसाइलों को शामिल करने की योजना है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय विमानों ने लंबी दूरी से दुश्मन ठिकानों को निशाना बनाया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना ने जवाब में चीनी PL-15 मिसाइलों का उपयोग किया, लेकिन वे भारतीय विमानों को हिट करने में असफल रहीं।
इसके साथ ही, भारत ने विदेशी प्रणालियों के साथ-साथ स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। डीआरडीओ वर्तमान में 700 से अधिक ‘अस्त्र मार्क-2’ मिसाइलें विकसित कर रहा है, जिनकी अनुमानित मारक क्षमता 200 किलोमीटर से अधिक होगी। इन्हें सुखोई-30 और तेजस (LCA) जैसे विमानों पर लागू किया जाना प्रस्तावित है। राफेल बेड़े को मेटेओर के साथ-साथ भविष्य में स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइलें भी प्रदान करने की योजना है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि मेटेओर मिसाइलों की नई खेप मिलने से भारत की हवाई सीमा सुरक्षा में गुणात्मक सुधार होगा और दुश्मन पर दूर से प्रभावी प्रहार करने की क्षमता बढ़ेगी। इस कदम से भारतीय वायुक्षेत्र की सामरिक सुदृढ़ता में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
