भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों में पुनरुत्थान

ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
भारतीय वायुसेना ने 6 और 7 मई 2025 की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी संगठनों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में विशेष रूप से बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय, सुभान अल्लाह मदरसे को निशाना बनाया गया, जिससे आतंकवादी संगठन को गंभीर नुकसान हुआ।
जैश-ए-मोहम्मद की पुनर्स्थापना
हालांकि, हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सरकार और सेना के सहयोग से जैश-ए-मोहम्मद ने अपने इस कुख्यात केंद्र को फिर से सक्रिय कर लिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बहावलपुर के सुभान अल्लाह मदरसे के परिसर में स्थित स्विमिंग पूल को फिर से खोला गया है और मदरसे में नियमित गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं।
स्विमिंग पूल का विवाद
यह स्विमिंग पूल लंबे समय से विवादों में रहा है। आधिकारिक तौर पर दावा किया जाता है कि इसका उपयोग आसपास के बच्चों को तैराकी सिखाने के लिए किया जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी इस पूल का उपयोग अपनी आतंकवादी गतिविधियों की तैयारी के लिए करते रहे हैं। यह पूल और मदरसा आतंकियों के लिए प्रशिक्षण और योजना बनाने का एक प्रमुख केंद्र रहा है, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में नष्ट कर दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर को 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को ठहराया था। भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और अन्य सटीक हथियारों का उपयोग करते हुए बहावलपुर और मुरिदके जैसे प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया। इन हमलों में जैश के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई थी।
पाकिस्तान का पुनर्जनन प्रयास
हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही हफ्तों बाद, पाकिस्तान ने अपने इन आतंकवादी अड्डों को पुनर्जनन की प्रक्रिया शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, सुभान अल्लाह मदरसे में न केवल स्विमिंग पूल फिर से चालू हो गया है, बल्कि आतंकवादी प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। यह खुलासा उस समय हुआ है, जब सोशल मीडिया पर भी ऐसी खबरें सामने आई हैं कि पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने आतंकवादी ठिकानों की मरम्मत के लिए 40 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।