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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में ऐतिहासिक सफर

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से अंतरिक्ष में ऐतिहासिक यात्रा की। उन्होंने अपने पहले संदेश में भारतवासियों को संबोधित किया और गगनयान मिशन की शुरुआत की। इस मिशन के दौरान, वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन बिताएंगे और वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करेंगे। जानें इस मिशन के महत्व और शुभांशु शुक्ला के अनुभव के बारे में।
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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में ऐतिहासिक सफर

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में पहला संदेश

"क्या अद्भुत यात्रा है! मेरे कंधों पर लहराता तिरंगा मुझे यह एहसास दिलाता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ." ये शब्द भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के हैं, जो राकेश शर्मा के बाद कक्षा में पहुँचने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। जैसे ही स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में पहुँचा, शुक्ला ने यह संदेश भारतवासियों को दिया।


भारत की अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय

राकेश शर्मा की ऐतिहासिक 1984 की उड़ान के 41 साल बाद, भारत ने फिर से अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। लखनऊ के निवासी और अनुभवी पायलट शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यान से पृथ्वी की 200 किलोमीटर ऊँचाई से अपने पहले शब्दों में कहा, "हम पृथ्वी के चारों ओर 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से घूम रहे हैं। यह अनुभव अविश्वसनीय है।"


गगनयान मिशन की शुरुआत

शुक्ला ने इस उड़ान को केवल एक मिशन नहीं, बल्कि भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत बताया। उन्होंने कहा, "मेरे कंधों पर लगा तिरंगा मुझे हर पल यह याद दिला रहा है कि मैं 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदें और सपने लेकर निकला हूं।" उनके अनुसार, यह मिशन केवल आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) तक पहुँचने की बात नहीं है, बल्कि गगनयान की नींव को मजबूत करने का अवसर है।


14 दिन का अंतरिक्ष प्रयोग

इस मिशन के दौरान, शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन बिताएंगे और भारत की ओर से वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करेंगे। उनका अनुभव गगनयान मिशन की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2027 तक लॉन्च करने की योजना बना चुका है।


अंतरराष्ट्रीय सहयोग

शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और मिशन कमांडर डॉ. पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की, और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल हैं। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को वैश्विक मंच पर मजबूत आधार प्रदान करता है।