भारतीय वायुसेना के हमलों में विमानों की हानि पर राजनीतिक बहस

IAF विमानों की हानि:
IAF विमानों की हानि: 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमलों के दौरान भारतीय वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमान नष्ट हो गए। इस जानकारी को इंडियन डिफेंस ऑफिसर कैप्टन शिव कुमार ने साझा किया। उन्होंने बताया कि यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों या एयर डिफेंस सिस्टम को लक्षित करने से रोका था।
कैप्टन कुमार का बयान:
कैप्टन कुमार, जो इंडोनेशिया में भारत के रक्षा अताशे के रूप में कार्यरत हैं, ने यह बयान 10 जून को एक सेमिनार में दिया। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने भारत-पाकिस्तान हवाई संघर्ष और इंडोनेशिया जैसे देशों को ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रहने के उपायों पर चर्चा की।
भारत में राजनीतिक विवाद:
भारत में राजनीतिक विवाद: इस बयान के बाद भारत में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। कुछ राजनीतिक दलों ने ऑपरेशन के दौरान सेना को रोकने के लिए सरकार की आलोचना की है। इसके जवाब में, भारतीय सरकार और दूतावास ने कहा कि कैप्टन कुमार के बयान को गलत तरीके से समझा गया है। कैप्टन कुमार ने बताया कि प्रारंभ में भारतीय लड़ाकू विमानों को नुकसान हुआ, लेकिन बाद में रणनीति में बदलाव किया गया।
हमलों की सफलता में सुधार:
हमलों की सफलता में सुधार: भारतीय वायुसेना ने 10 मई को ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के रडार सिस्टम और सैन्य रक्षा को निशाना बनाना शुरू किया। इस बदलाव ने अगले हमलों को और अधिक सफल बनाने में मदद की। इससे पहले, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी स्वीकार किया था कि ऑपरेशन में कुछ विमान खो गए थे। उन्होंने कहा कि जेट की सही संख्या महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि नुकसान से सबक लिया जाए और रणनीति में सुधार किया जाए।
पाकिस्तान का दावा:
इस बीच, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने तीन राफेल जेट समेत 6 भारतीय विमानों को मार गिराया है। हालांकि, जनरल चौहान ने इस दावे को सख्ती से खारिज किया और इसे "पूरी तरह से झूठा" बताया।