भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की विफलता
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का संचालन किया, जिसमें पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके परिणामस्वरूप, भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच तीव्र झड़पें हुईं, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के महत्वपूर्ण ठिकानों को लक्ष्य बनाया। इस दौरान विभिन्न दावे किए गए हैं कि यह कार्रवाई कितनी प्रभावी रही।यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि भारतीय कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में मौजूद चीनी हथियार और एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से विफल हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना के हमलों के कारण पाकिस्तान की वायुसेना का 20 प्रतिशत बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया, जिससे कई एयर बेस भी बेकार हो गए।
कुवा डिफेंस न्यूज एंड एनालिसिस ग्रुप के संस्थापक बिलाल खान ने बताया कि पाकिस्तान को चीन से मिले एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता सीमित थी। भारतीय वायुसेना की मिसाइलों ने चीनी डिफेंस सिस्टम जैसे HQ-9 और HQ-16 को भेदते हुए लक्ष्यों को नष्ट किया।
अमेरिकी सैटेलाइट इमेज से यह पुष्टि हुई है कि भारत ने नूर खान, भोलारी, मियांवाली और मसरूर जैसे प्रमुख एयर बेस पर सफलतापूर्वक हमले किए। न्यूयॉर्क टाइम्स और जापान टाइम्स ने भी इस बात की पुष्टि की है कि भारत के सटीक हमलों के कारण पाकिस्तान के महंगे सैन्य उपकरण खतरे में पड़ गए।
भारत ने साब-2000 विमान को भी मार गिराने का दावा किया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा के लिए चीनी हथियारों पर निर्भरता दिखाई, जिसमें पीएल-15ई एयर-टू-एयर मिसाइल और एचक्यू-9 एसएएम सिस्टम शामिल थे। हालांकि, पाकिस्तान ने एक रात में भारत की ओर 400 से अधिक ड्रोन भेजे, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणालियों ने इन्हें नाकाम कर दिया।
भारतीय रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली अमेरिका, इजरायल और रूस के समकक्ष है और यह चीनी तकनीक से कहीं अधिक उन्नत है। इस संघर्ष ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं।