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भारतीय सेना को मिली अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप: क्या है इनकी खासियत?

भारतीय सेना ने 15 महीने की प्रतीक्षा के बाद अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त की है। ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर सेना की ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होंगे। जानें इनकी विशेषताएँ, डिलीवरी में हुई देरी और भारतीय वायुसेना के पास पहले से मौजूद हेलीकॉप्टरों के बारे में।
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भारतीय सेना को मिली अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप: क्या है इनकी खासियत?

भारतीय सेना को मिली अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप

Apache Helicopters: भारतीय सेना ने 15 महीने की प्रतीक्षा के बाद अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त की है। ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर मंगलवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरे, जिन्हें अमेरिका से विशेष परिवहन विमान के माध्यम से लाया गया।


यह भारतीय सेना की एविएशन कॉर्प्स के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। सेना ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है, जो उनकी ऑपरेशनल क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।




पहली खेप में शामिल तीन हेलीकॉप्टर

सेना को तीन अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप मिली है, जिन्हें अब असेंबल कर परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद इन्हें औपचारिक रूप से सेना की एविएशन कॉर्प्स को सौंपा जाएगा। ये हेलीकॉप्टर जोधपुर की ओर भेजे जाएंगे, जहां से ये ऑपरेशनल गतिविधियों में शामिल होंगे।


भारतीय सेना ने इस डिलीवरी को सोशल मीडिया पर 'मील का पत्थर' बताया है। ट्वीट में कहा गया, "भारतीय सेना के लिए यह मील का पत्थर है, क्योंकि सेना विमानन के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच आज भारत पहुंच गया है।"


मार्च 2024 से हो रहा था इंतजार

यह ध्यान देने योग्य है कि भारतीय सेना की एविएशन कॉर्प्स की स्थापना मार्च 2024 में जोधपुर में हुई थी, और तब से वे इन अपाचे हेलीकॉप्टरों का इंतजार कर रहे थे। ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी कंपनी से 2020 में हुए 600 मिलियन डॉलर के रक्षा सौदे के तहत आने थे।


डिलीवरी में हुई देरी

पहले यह डिलीवरी जून 2024 तक होनी थी, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन में बाधाओं के कारण समयसीमा को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया। इसके बावजूद, डिलीवरी में फिर से देरी हुई और अब 15 महीने बाद पहली खेप भारत पहुंची है। इस सौदे के तहत कुल छह हेलीकॉप्टर आने हैं, जिन्हें दो चरणों में भेजा जाएगा।


सेना के एविएशन कॉर्प्स के पायलट्स की ट्रेनिंग पहले ही 2024 में पूरी हो चुकी है और अब वे अपाचे उड़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमाओं पर सेना के अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


अपाचे हेलीकॉप्टर की विशेषताएँ

अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं। इनमें एडवांस टारगेटिंग सिस्टम, उच्च फायरपावर और उच्च गतिशीलता जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो इन्हें किसी भी मिशन के लिए आदर्श बनाते हैं।


भारतीय वायुसेना के पास पहले से हैं 22 अपाचे

भारतीय वायुसेना पहले ही 2015 में हुए एक अलग सौदे के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। अब सेना की एविएशन विंग को इन हेलीकॉप्टरों से मजबूती मिलने जा रही है।


ऑपरेशन सिंदूर के बाद रणनीति में बदलाव

हाल के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, सेना ने अपनी रणनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें एविएशन कॉर्प्स को एक महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। अपाचे जैसे हेलीकॉप्टर अब इन अभियानों में गेम चेंजर साबित होंगे, विशेषकर पश्चिमी सीमा पर।