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भारतीय सेना को मिलेगा नया QRSAM एयर डिफेंस सिस्टम: 30,000 करोड़ का रक्षा सौदा

भारतीय सेना को एक नया और अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम QRSAM मिलने जा रहा है, जिसकी लागत 30,000 करोड़ रुपये है। यह प्रणाली दुश्मन के हवाई हमलों का सटीकता से सामना करने में सक्षम होगी और विशेष रूप से उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। DRDO द्वारा विकसित इस प्रणाली में स्वचालित फायर कंट्रोल सिस्टम और 360 डिग्री सुरक्षा कवच जैसी विशेषताएँ शामिल हैं। यह सौदा भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।
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भारतीय सेना को मिलेगा नया QRSAM एयर डिफेंस सिस्टम: 30,000 करोड़ का रक्षा सौदा

भारतीय सेना की नई ताकत

भारत की सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय सेना को जल्द ही 30,000 करोड़ रुपये की लागत वाला एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम प्राप्त होगा। यह प्रणाली दुश्मन के हवाई हमलों का सटीकता से सामना करने में सक्षम है और विशेष रूप से देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.


QRSAM: एक नई मिसाइल प्रणाली

इस नई मिसाइल प्रणाली का नाम QRSAM (Quick Reaction Surface to Air Missile System) है। इसे भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन DRDO द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.


QRSAM की विशेषताएँ

QRSAM एक मोबाइल और स्वचालित मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जो किसी भी हवाई खतरे का त्वरित और सटीक जवाब देने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रेंज 30 किलोमीटर है और यह किसी भी लक्ष्य को केवल 30 से 40 सेकंड में नष्ट कर सकता है। यह प्रणाली विशेष रूप से निम्न ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, हेलिकॉप्टरों और ड्रोन के खिलाफ डिज़ाइन की गई है.


स्वचालित फायर कंट्रोल सिस्टम

इस प्रणाली की एक प्रमुख विशेषता इसका स्वचालित फायर कंट्रोल सिस्टम है। जैसे ही कोई हवाई खतरा रडार पर आता है, QRSAM तुरंत उसे पहचानकर जवाबी कार्रवाई करता है। इसमें मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती, जिससे प्रतिक्रिया समय कम हो जाता है और खतरे का त्वरित समाधान संभव होता है.


360 डिग्री सुरक्षा कवच

QRSAM में मल्टी-फंक्शन रडार, कमांड और कंट्रोल सेंटर, और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरण शामिल हैं। ये सभी मिलकर एक 360 डिग्री सुरक्षा कवच तैयार करते हैं, जिससे हर दिशा से आने वाले हवाई खतरों का समय पर पता लगाया जा सकता है और उन्हें निष्क्रिय किया जा सकता है.


रक्षा सौदे का महत्व

QRSAM को DRDO ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के सहयोग से पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया है। इस मिसाइल प्रणाली का निर्माण आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया गया है और यह देश की तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक है.


भारतीय सेना में QRSAM को शामिल करने के लिए लगभग 30,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा रक्षा सौदा किया गया है। यह सौदा भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में भारत को तकनीकी और सामरिक बढ़त प्रदान करेगा.