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भारतीय सेना ने दिवाली का पर्व गर्व और उत्साह के साथ मनाया

जब पूरा देश दिवाली का जश्न मना रहा था, भारतीय सेना के जवान सीमाओं पर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए इस पर्व को गर्व और उत्साह के साथ मनाते हैं। जम्मू और कश्मीर के अखनूर सेक्टर में, उन्होंने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया और देशभक्ति का संदेश फैलाया। इस लेख में जानें कि कैसे ये सैनिक अपने परिवारों से दूर रहकर भी देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
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भारतीय सेना ने दिवाली का पर्व गर्व और उत्साह के साथ मनाया

भारतीय सेना का दिवाली उत्सव


भारतीय सेना का दिवाली उत्सव: जब देशभर में दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है, तब भारतीय सेना के साहसी जवान सीमाओं पर अपनी ड्यूटी निभाते हुए इस त्योहार को गर्व और उत्साह के साथ मना रहे हैं। जम्मू और कश्मीर के अखनूर सेक्टर में, जवानों ने देश की सुरक्षा के बीच भाईचारे और देशभक्ति के जज़्बे के साथ दिवाली का जश्न मनाया।


सीमा पर तैनात जवानों ने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी, पटाखे जलाए और दीयों की रोशनी में देशभक्ति का प्रकाश फैलाया। उनके चेहरों पर त्योहार की खुशी थी, लेकिन राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और भी अधिक स्पष्ट थी। इन सैनिकों ने अपने परिवारों से दूर रहकर यह संदेश दिया कि उनके लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।




'हमारे लिए देश पहले है'

एक भारतीय सेना के जवान ने कहा कि एक सैनिक के लिए उसका कर्तव्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। 'हमारे लिए देश परिवार से पहले आता है। हम अपने परिवार से बात कर रहे हैं। हम यहां सीमा पर दिवाली मना रहे हैं। मुझे इस वर्दी पर गर्व है। हमारी वर्दी केवल कपड़ा नहीं है, इसके साथ कई जिम्मेदारियां जुड़ी हैं।'




सादगी और अनुशासन के साथ मनाया पर्व

दिवाली का पर्व जवानों ने पूरी सादगी और अनुशासन के साथ मनाया। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने उत्साह में कोई कमी नहीं आने दी। इस अवसर पर, सेना ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान किया, जिससे एकता और सद्भावना का संदेश पूरे क्षेत्र में फैला।




सीमा पर दिवाली मनाना केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारे सैनिकों के अटूट समर्पण और बलिदान का प्रतीक है, जो हर दिन देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। जब पूरा देश अपने परिवारों के साथ दीये जला रहा होता है, तब ये सैनिक अपनी जिम्मेदारियों पर डटे रहते हैं।