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भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला लिया: ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकियों का खात्मा

भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के 96 दिन बाद ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकियों को मार गिराया। इस कार्रवाई पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने बातचीत के माहौल की जिम्मेदारी दोनों देशों पर डाली। जानें इस ऑपरेशन के बारे में और क्या कहा मुख्यमंत्री ने।
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भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला लिया: ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकियों का खात्मा

ऑपरेशन महादेव: बदला लिया गया

ऑपरेशन महादेव: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 96 दिन बाद, भारतीय सेना ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या का प्रतिशोध लिया है। सेना ने सोमवार को इस हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया।


आतंकियों की पहचान

मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान पाकिस्तानी सुलेमान और यासिर के रूप में हुई है। श्रीनगर जिले के हरवान क्षेत्र में संदिग्ध आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सेना की चिनार कोर ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ में तीन आतंकियों को समाप्त किया गया है, और ऑपरेशन अभी भी जारी है।


मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

इस ऑपरेशन के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के दिन से ही पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना आतंकवादियों के पीछे लगे हुए हैं। अगर आज उनमें से कोई मुठभेड़ में मारा जाता है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा।


भारत-पाकिस्तान वार्ता पर उमर अब्दुल्ला का बयान

बातचीत का माहौल बनाना, सिर्फ भारत की ही जिम्मेदारी नहीं

मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के संदर्भ में कहा, "हम हमेशा से बातचीत के पक्षधर रहे हैं। मैंने कहा है कि बातचीत का माहौल बनाना केवल भारत की जिम्मेदारी नहीं है; पाकिस्तान को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। अगर पहलगाम जैसे हमले होते रहे, तो हम जैसे लोग जो बातचीत के पक्षधर हैं, कमजोर पड़ जाएंगे।"


ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा ठीक है, लेकिन...

उमर अब्दुल्ला ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह चर्चा उचित है, लेकिन पहले पहलगाम हमले पर बात करना आवश्यक है। हाल ही में एलजी ने कहा था कि इसमें लापरवाही हुई है, और इसमें इंटेलिजेंस तथा सुरक्षा की विफलता का योगदान रहा है। इसलिए संसद में इस पर चर्चा होनी चाहिए कि यदि कोई इंटेलिजेंस या सुरक्षा विफलता हुई, तो उसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया। उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए।