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भिवंडी में मेट्रो निर्माण के दौरान गंभीर हादसा, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

भिवंडी में मेट्रो निर्माण के दौरान एक गंभीर हादसा हुआ, जब एक लोहे की टाई रॉड गिरकर ऑटोरिक्शा पर जा गिरी। इस घटना में एक यात्री को गंभीर चोटें आईं। एमएमआरडीए ने ठेकेदार एफकॉन्स पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते यह घटना हुई, जिससे जन सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। एमएमआरडीए ने सभी ठेकेदारों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
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भिवंडी में मेट्रो निर्माण के दौरान गंभीर हादसा, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

भिवंडी में मेट्रो निर्माण का खौफनाक हादसा

भिवंडी हादसा: 5 अगस्त को भिवंडी में एक भयानक घटना घटी। यहाँ मेट्रो लाइन 5 (ठाणे-भिवंडी-कल्याण) के निर्माण कार्य के दौरान एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया। एक लोहे की टाई रॉड ऊपरी ढांचे से गिरकर एक ऑटोरिक्शा पर जा गिरी, जिससे एक यात्री के सिर में गंभीर चोट आई। इस घटना ने निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने इस लापरवाही के लिए सिविल ठेकेदार एफकॉन्स पर 50 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.


यह घटना उस समय हुई जब 'डेक स्लैब' के लिए दो महीने पहले लगाया गया अस्थायी सपोर्ट सिस्टम का एक हिस्सा (लोहे की टाई रॉड) अचानक ढह गया। घायल यात्री को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घटनास्थल पर मौजूद एफकॉन्स और जनरल कंसल्टेंट सिस्ट्रा-सीईजी-सिस्ट्रा इंडिया के सुरक्षा प्रमुखों ने तत्काल चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की। एमएमआरडीए ने सख्त निर्देश जारी करते हुए एफकॉन्स को घायल यात्री के सभी चिकित्सा खर्च वहन करने और पूर्ण सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है.



ठेकेदार और कंसल्टेंट पर भारी जुर्माना


इस सुरक्षा चूक के लिए एमएमआरडीए ने न केवल एफकॉन्स पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, बल्कि पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के लिए सिस्ट्रा-सीईजी-सिस्ट्रा (इंडिया) पर भी 5 लाख रुपये का दंड लगाया। इस घटना की गहराई से जांच के लिए मेट्रो लाइन 2बी के मुख्य सुरक्षा प्रबंधक, एआईसीए के नेतृत्व में एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की गई है.


एमएमआरडीए का सख्त रुख


एमएमआरडीए ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जन सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। एक अधिकारी ने बयान जारी कर कहा, "जन सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सख्त जवाबदेही उपाय शुरू कर दिए गए हैं और जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"


सुरक्षा मानकों पर सवाल


यह घटना मेट्रो परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का एक और उदाहरण है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एमएमआरडीए ने सभी ठेकेदारों और कंसल्टेंट्स को सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इस हादसे ने न केवल निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है.