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भिवानी में राष्ट्रव्यापी हड़ताल: कर्मचारियों की मांगें और संघर्ष

भिवानी में हाल ही में आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया। इस हड़ताल का उद्देश्य मजदूरों और किसानों के खिलाफ सरकार की नीतियों का विरोध करना था। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, न्यूनतम वेतन को 26,000 रुपये करने, और काम के घंटे बढ़ाने के खिलाफ आवाज उठाई। हजारों कर्मचारी नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर सभा का आयोजन किया। जानें इस हड़ताल के पीछे की पूरी कहानी और कर्मचारियों की समस्याएं।
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भिवानी में राष्ट्रव्यापी हड़ताल: कर्मचारियों की मांगें और संघर्ष

राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उद्देश्य


भिवानी में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने बुधवार को एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया। यह हड़ताल मजदूरों और किसानों के खिलाफ सरकार की नीतियों के विरोध में की गई थी। इसमें लेबर कोड को रद्द करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, और न्यूनतम वेतन को 26,000 रुपये करने की मांग की गई। इसके अलावा, महंगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण लगाने की भी मांग की गई।


हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की संख्या

हड़ताल में विभिन्न विभागों के हजारों कर्मचारी शामिल हुए, जिनमें निर्माण मजदूर, मनरेगा मजदूर, और अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल थे। सभी ने नेहरू पार्क भिवानी में एकत्र होकर सभा का आयोजन किया।


काम के घंटे बढ़ाने का विरोध

कार्यक्रम की अध्यक्षता विभिन्न ट्रेड यूनियन नेताओं ने की। उन्होंने कहा कि सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लेबर कोड लागू कर रही है। वर्तमान में, काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे किए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है।


कम वेतन और स्थायी नौकरी की कमी

कई कर्मचारी कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर हैं और उन्हें स्थायी नौकरी का कोई आश्वासन नहीं है। कई सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को न तो पक्का किया जा रहा है और न ही उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है।