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भूपेंद्र हुड्डा को मानेसर भूमि घोटाले में हाईकोर्ट से मिली राहत

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर भूमि घोटाले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने सीबीआई के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि अब पंचकूला की सीबीआई विशेष अदालत में आरोप तय करने की सुनवाई नहीं होगी। इस मामले में हुड्डा ने सीबीआई जज के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
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भूपेंद्र हुड्डा को मानेसर भूमि घोटाले में हाईकोर्ट से मिली राहत

भूपेंद्र हुड्डा ने सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती दी


चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। कोर्ट ने सीबीआई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। अब पंचकूला की सीबीआई विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई नहीं होगी। हाईकोर्ट ने मानेसर भूमि घोटाले से संबंधित हुड्डा की याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है।


हुड्डा ने सीबीआई जज के आदेश को रद्द करने की अपील की

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मानेसर भूमि घोटाले के मामले में भूपेंद्र हुड्डा की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था। हुड्डा ने पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने 19 सितंबर को जारी सीबीआई जज के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।


घोटाले का विवरण

इस मामले में आरोप है कि मानेसर और उसके आस-पास के गांवों के किसानों से सरकारी उद्देश्य के लिए सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन बाद में इसे रियल एस्टेट कंपनियों और बिल्डरों को अत्यधिक रियायतों के साथ लाइसेंस जारी कर दिया गया। इस प्रकरण में भूपेंद्र हुड्डा सहित कई पूर्व अधिकारी और अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।


जमीन मालिकों को हुआ बड़ा नुकसान

आरोप है कि इस घोटाले में जमीन मालिकों को लगभग 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि आरोपियों को अनुचित लाभ प्राप्त हुआ। इस मामले में कुल 37 आरोपी पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। यह मामला सरकारी जमीन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से संबंधित है, जिसमें आम लोगों की जमीन को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।