मणिपुर में हिंसा के बाद स्थिति गंभीर, आवश्यक वस्तुओं की कमी

मणिपुर में बढ़ती हिंसा और उसके प्रभाव
इम्फाल। मणिपुर में हाल ही में फिर से हिंसा भड़कने के कारण स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अन्य स्थानों पर अघोषित बंद की स्थिति है। इस स्थिति के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है। हाईवे बंद होने से परिवहन मार्ग प्रभावित हुए हैं, जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। चुराचांदपुर और इम्फाल में खाद्य सामग्री और दवाओं की भारी कमी देखी जा रही है, और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं।
स्थानीय लोगों की चिंताएं और सरकार की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, अब सभी आवश्यक सामान मिजोरम के रास्ते से आ रहे हैं, जिससे उनकी कीमतें बढ़ गई हैं। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यसभा सांसद लीसेम्बा सनाजाओ को सोमवार को दिल्ली बुलाया गया। बीरेन सिंह ने कहा कि वे लीसेम्बा सनाजाओ के साथ केंद्रीय नेताओं से मिलकर स्थिति की जानकारी देंगे। उन्होंने राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया है।
पुलिस की कार्रवाई और उसके परिणाम
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले सीबीआई ने एक मैती नेता को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। गिरफ्तार किए गए मैती नेता कनन सिंह मणिपुर पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। मणिपुर पुलिस ने बताया कि कनन सिंह को मार्च में आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण निलंबित किया गया था। वह अरम्बई टेंगोल संगठन का सदस्य था और पुलिस में रहते हुए सीमा पार हथियारों की तस्करी करता था। 2023 से चल रही जातीय हिंसा के दौरान, कनन सिंह एडिशनल एसपी अमित के घर पर हमले का मुख्य आरोपी था, जहां उनका अपहरण कर उनके साथ मारपीट की गई थी।