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मणिमहेश यात्रा 2025: बारिश और भूस्खलन से 20 श्रद्धालुओं की जान गई

इस वर्ष की मणिमहेश यात्रा के दौरान बारिश और भूस्खलन ने श्रद्धालुओं के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है। अब तक 20 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है, और लगभग 1,200 श्रद्धालु अभी भी फंसे हुए हैं। खाद्य सामग्री की कमी और खराब मौसम ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। जानें, इस यात्रा की भयावह स्थिति और श्रद्धालुओं की आपबीती।
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मणिमहेश यात्रा 2025: बारिश और भूस्खलन से 20 श्रद्धालुओं की जान गई

खराब मौसम के कारण श्रद्धालुओं की मुश्किलें


खराब मौसम के चलते अभी भी करीब एक हजार श्रद्धालू फंसे, शिविरों में लंगर की कमी, राशन समाप्त


मणिमहेश यात्रा 2025 अपडेट: इस वर्ष की मणिमहेश यात्रा के दौरान देशभर से आए श्रद्धालुओं को मानसून ने गंभीर संकट में डाल दिया है। बारिश, ऑक्सीजन की कमी और भूस्खलन ने यात्रा को खतरनाक बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 20 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, चंबा जिले में 14 से 31 अगस्त के बीच यात्रा के दौरान ये मौतें हुई हैं।


यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं की आपबीती

प्राकृतिक आपदा के कारण भरमौर उपमंडल में खाद्य सामग्री की भारी कमी हो गई है। श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए लंगरों में अब भोजन की उपलब्धता नहीं है। केवल शनिदेव मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोग ही श्रद्धालुओं को खाना और चाय प्रदान कर रहे हैं। यह जानकारी पठानकोट के साहिल महाजन ने दी, जिन्होंने भरमौर से पैदल 50 किलोमीटर की यात्रा की।


अभी भी 1200 श्रद्धालु फंसे हुए हैं

महाजन ने बताया कि वर्तमान में भरमौर उपमंडल में लगभग 1,200 श्रद्धालु कमरों में ठहरे हुए हैं। इनमें से कई परिवार, जिनमें बच्चे भी हैं, भरमौर से चंबा पैदल जाने से मना कर रहे हैं। केवल युवा ही अपने दम पर चंबा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मौसम में कोई सुधार नहीं होता है, तो आने वाले दिनों में फंसे श्रद्धालुओं को भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं।