मतदाता सूची अपडेट के दौरान अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर संकट
नई दिल्ली में SIR प्रक्रिया का तेजी से कार्यान्वयन
नई दिल्ली: देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का कार्य तेजी से चल रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है, लेकिन इस प्रक्रिया का सबसे अधिक प्रभाव बूथ लेवल अधिकारियों पर पड़ रहा है। निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने के दबाव के कारण पिछले 19 दिनों में 6 राज्यों में 16 BLOs की मृत्यु हो गई है।
मौतों के कारण और चिंताएं
इन मौतों में आत्महत्या, हार्ट अटैक और सड़क दुर्घटनाएं शामिल हैं। इस स्थिति ने चुनाव प्रक्रिया में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। मध्य प्रदेश में स्थिति सबसे चिंताजनक है, जहां पिछले 4 दिनों में भोपाल में 50 से अधिक बूथ लेवल अधिकारी बीमार पड़ चुके हैं। इनमें से दो को हार्ट अटैक आया और एक को ब्रेन हैमरेज हुआ।
मौतों के पीछे का कारण
रायसेन में BLO रमाकांत पांडेय की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने बताया कि वह पिछले 4 दिनों से ठीक से सो नहीं पाए थे और काम के दबाव के चलते ऑनलाइन मीटिंग में बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। रायसेन के एक अन्य BLO नारायण सोनी छह दिनों से लापता हैं, और उनके परिवार का कहना है कि वह लगातार टारगेट, देर रात की मीटिंग और निलंबन की चेतावनी से परेशान थे।
आत्महत्या के मामले
गुजरात और दमन में 4-4 BLOs की जान गई है। गुजरात के सौराष्ट्र में एक BLO अरविंद वाढेर ने आत्महत्या कर ली। उनके सुसाइड नोट में लिखा था कि अब वह काम नहीं कर पा रहे हैं। वडोदरा में सहायक BLO ऊषा बेन की भी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। खेडा और तापी में भी दो अधिकारियों की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई है।
रिपोर्ट किए गए मामले
पश्चिम बंगाल में काम के दबाव ने स्थिति को और खराब कर दिया है। नादिया जिले में BLO रिंकू का शव फंदे से लटका हुआ मिला, जो राज्य में SIR से जुड़ी दूसरी आत्महत्या है। पंजाब, केरल और तमिलनाडु में भी एक-एक BLO की मृत्यु की सूचना मिली है। राजस्थान में BLO मुकेश जांगिड़ ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की। करौली में एक BLO की मृत्यु और सवाई माधोपुर में एक BLO के हार्ट अटैक की पुष्टि हुई है।
