मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: हाईकोर्ट का निर्णय

मथुरा में विवाद फिर से चर्चा में
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को एक बड़ा झटका देते हुए शाही ईदगाह मस्जिद को 'विवादित ढांचा' घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया। इस निर्णय से कोर्ट में उपस्थित हिंदू पक्ष के वकील निराश हुए, और यह मुद्दा देशभर में फिर से चर्चा का विषय बन गया है.
कोर्ट में दलीलें
इस मामले की सुनवाई जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की बेंच ने की। हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत में कई ऐतिहासिक दस्तावेजों और पुस्तकों का उल्लेख करते हुए तर्क दिया कि जिस स्थान पर मस्जिद स्थित है, वहां पहले एक मंदिर था। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया और मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।
क्या मांगा गया था कोर्ट में?
हिंदू पक्ष ने अदालत में यह तर्क रखा कि शाही ईदगाह मस्जिद का कोई वैध रिकॉर्ड मौजूद नहीं है - न खसरा खतौनी में, न नगर निगम के दस्तावेजों में, और न ही बिजली या टैक्स भुगतान का कोई प्रमाण। इसलिए, इसे मस्जिद नहीं माना जाना चाहिए और इसे विवादित ढांचे का दर्जा दिया जाए।
कोर्ट का उत्तर
कोर्ट ने इन दलीलों को पर्याप्त नहीं माना और कहा कि केवल ऐतिहासिक किताबों या प्राचीन संदर्भों के आधार पर किसी मौजूदा धार्मिक स्थल को विवादित ढांचा घोषित नहीं किया जा सकता।
याचिका की तारीख
यह याचिका 5 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर बहस पूरी हो चुकी थी। हिंदू पक्ष के अन्य वकीलों ने भी महेंद्र प्रताप सिंह की दलीलों का समर्थन किया था।
आगे की रणनीति
अब हिंदू पक्ष के वकील अगली कानूनी रणनीति पर विचार कर रहे हैं। संभावना है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।