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मधुबनी में नहर में डूबने से तीन बच्चियों की मौत, सुरक्षा पर उठे सवाल

मधुबनी ज़िले के रहिका क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में तीन बच्चियों की नहर में डूबने से मौत हो गई। घटना ने बच्चों की सुरक्षा और जलस्रोतों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने इलाज में देरी और स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है। यह घटना पूरे गांव को शोक में डुबो गई है और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर करती है।
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दर्दनाक हादसा मधुबनी में

मधुबनी ज़िले के रहिका क्षेत्र में शुक्रवार को एक भयानक घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। नहाने गईं पांच बच्चियों में से तीन अचानक पुराने कमला नहर में डूब गईं। स्थानीय लोगों की तत्परता से दो बच्चियों को बचा लिया गया, लेकिन तीन की जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा और जलस्रोतों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


एक सामान्य दिन अचानक मातम में बदल गया। रहिका की बड़ी मस्जिद टोली की 13 वर्षीय रानी परवीन, 13 वर्षीय पले परवीन और 12 वर्षीय नदियान खातून अपने दोस्तों के साथ पास की कमला नहर में नहाने गई थीं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अचानक तेज बहाव के कारण सभी पांच बच्चियां पानी में बहने लगीं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने समय पर दो बच्चियों को बाहर निकाल लिया, लेकिन बाकी तीन को गंभीर हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


मासूमों की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने इलाज में देरी और स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। आक्रोशित लोगों ने मधुबनी-बेनीपट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। स्थानीय प्रशासन को लोगों को शांत कराने में काफी मेहनत करनी पड़ी। रहिका के अंचलाधिकारी और पुलिसकर्मियों की अपील का भी कोई असर नहीं हुआ।


बाद में सदर एसडीओ चंदन कुमार झा और अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी अमित कुमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को सहायता और जांच का आश्वासन दिया। तब जाकर जाम हटाया गया।


इस घटना ने न केवल एक परिवार का भविष्य बर्बाद किया, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि नहर जैसे खतरनाक स्थलों पर चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा व्यवस्था और नियमित निगरानी की आवश्यकता है। खासकर गर्मियों और छुट्टियों के दौरान, जब बच्चे इन जलस्रोतों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं।