मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, 19 पर मामला दर्ज

पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा
मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इस मामले में असली उम्मीदवार की जगह एक सॉल्वर द्वारा परीक्षा देने का मामला सामने आया है। अब तक 19 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। यह खुलासा चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र सत्यापन के दौरान हुआ।
आधार कार्ड सत्यापन में खुलासा
पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने इस बार कैरेक्टर वेरिफिकेशन में आधार कार्ड की जांच को भी शामिल किया था। आधार वेरिफिकेशन के दौरान यह पता चला कि इन 19 चयनित उम्मीदवारों ने परीक्षा से पहले और जॉइनिंग से ठीक पहले अपने आधार कार्ड को अपडेट किया था। सॉल्वर ने इन्हीं अपडेटेड आधार कार्ड का उपयोग कर परीक्षा में भाग लिया।
19 के खिलाफ केस दर्ज
जांच में यह भी सामने आया कि इन 19 अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट और फोटो एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे थे। इसके अलावा, आधार में अपलोड की गई नई फोटो भी धुंधली थी, जिससे उनकी पहचान पर सवाल उठने लगे। विस्तृत जांच के बाद फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। उल्लेखनीय है कि 2023 में 7411 पदों के लिए पुलिस आरक्षक परीक्षा आयोजित की गई थी।
ग्वालियर में फर्जी दस्तावेजों का मामला
ग्वालियर के एएसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस जीडी कांस्टेबल भर्ती के दस्तावेज सत्यापन के दौरान मुरैना, श्योपुर और शिवपुरी के पांच अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज पकड़े गए। सब इंस्पेक्टर रघुनंदन शर्मा की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने परीक्षा अधिनियम के तहत जांच शुरू कर दी है।
एएसपी निरंजन शर्मा का बयान
Gwalior, Madhya Pradesh: During Madhya Pradesh Police GD Constable recruitment document verification, five candidates from Morena, Sheopur, and Shivpuri were found using forged documents. A fraud case was filed based on Sub-Inspector Raghunandan Sharma’s complaint. Police have… pic.twitter.com/CIUnbiBka2
— IANS (@ians_india) June 2, 2025
व्यापम घोटाले की यादें ताजा
इस फर्जीवाड़े की खबर के बाद व्यापम घोटाले की यादें फिर से ताजा हो गई हैं। कहा जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा भी व्यापम घोटाले की तर्ज पर रचा गया, जिसमें असली उम्मीदवारों ने सॉल्वरों से परीक्षा दिलवाई थी। फर्जी तरीके से चयनित इन 19 आरक्षकों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।