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मध्य प्रदेश मंत्री पर 1000 करोड़ रुपये की घूसखोरी का गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश में एक मंत्री पर 1000 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में राज्य सरकार से 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की बात कही है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और मंत्री का क्या कहना है।
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मध्य प्रदेश मंत्री पर 1000 करोड़ रुपये की घूसखोरी का गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश में मंत्री पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश में एक मंत्री पर 1000 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार से 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। मंत्री पर लगे आरोपों के चलते प्रदेश की राजनीतिक स्थिति गर्म हो गई है, और विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमलावर हैं।


कमीशन के आरोप

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मंत्री के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने यह आदेश पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री को भेजी गई शिकायत के आधार पर जारी किए। शिकायत में कहा गया है कि जल जीवन मिशन के लिए केंद्र से मिले 30,000 करोड़ रुपये में से मंत्री संपतिया उइके ने 1000 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में लिए। इसके अलावा, संबंधित मंडल के कार्यपालन यंत्रों पर भी कमीशन वसूली में शामिल होने के आरोप हैं।


PMO की जांच का आदेश

प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन के पहले चरण के लिए भेजे गए 30 करोड़ रुपये के उपयोग और खर्च की जांच की जाए। इसके साथ ही, मंत्री और संबंधित अधिकारियों की संपत्तियों का विवरण भी मांगा गया है। PMO ने 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।


कांग्रेस अध्यक्ष का पत्र

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि जल जीवन मिशन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एमपी में जल जीवन के 60% कमीशन लिया जा रहा है और इसकी भौतिक सत्यापन होनी चाहिए। मंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।


सरकार को जवाब देना होगा

जीतू पटवारी ने कहा कि मंत्री पर आरोप 21 तारीख को लगे थे और जांच के आदेश 25 को आए। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी जल्दी जांच कैसे हो गई। सरकार को इस पर जवाब देना होगा।


मंत्री का बयान

विवादों के बीच मंत्री संपतिया उइके ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, 'मैं सही हूं। जांच करें, मुझे कोई परेशानी नहीं है। मुझे परेशान किया जा रहा है। मेरी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ है।' उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और सभी सवालों का जवाब देंगे।