मध्य प्रदेश में Coldrif कफ सिरप से बच्चों की मौत: डॉक्टर और कंपनी पर कार्रवाई

Coldrif Cough Syrup मामले में प्रशासन की सख्त कार्रवाई
Coldrif Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप के सेवन से 10 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। शनिवार की रात पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया, जिन्होंने मृत बच्चों को वही कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी, जो बाद में जहर साबित हुई। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है और सरकार ने इस त्रासदी की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
कोल्ड्रिफ सिरप में खतरनाक रसायन का पता चला
जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में Diethylene Glycol (DEG) नामक घातक रासायनिक तत्व पाया गया है, जो किडनी फेल और मौत का कारण बन सकता है। इसके बाद, प्रदेश सरकार ने इस दवा की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी है।
कंपनी और डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज
छिंदवाड़ा पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी के साथ-साथ सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स के संचालकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की है। यह मामला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27(A) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 और 276 के तहत दर्ज किया गया है। शिकायत परासिया कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित साहलम ने दर्ज कराई है।
लैब रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य
शुक्रवार को आई लैब रिपोर्ट ने मामले की गंभीरता को उजागर किया। रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया। यह रासायनिक पदार्थ शरीर में पहुंचने पर किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और मौत का कारण बन सकता है। अधिकारियों का कहना है कि डॉ. सोनी ने जिन बच्चों को यह सिरप दी थी, उनमें से अधिकांश की हालत इसी जहरीले तत्व के कारण बिगड़ी।
सरकार ने सिरप पर लगाया प्रतिबंध
मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। राज्य के ड्रग कंट्रोलर ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सिरप की सभी खेपों को तुरंत सील किया जाए और जब तक जांच पूरी न हो, किसी भी रूप में इसका उपयोग न किया जाए।
जांच और निगरानी बढ़ाई गई
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर यह पता लगा रहे हैं कि जहरीला सिरप बाजार में कैसे पहुंचा और गुणवत्ता जांच में यह खामी पहले क्यों नहीं पकड़ी गई। यह सिरप सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) में तैयार की गई थी। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डायरेक्टरेट की 2 अक्टूबर की रिपोर्ट में इस सिरप को गैर-मानक और त्रुटिपूर्ण (NSQ) घोषित किया गया था।
सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स पर निगरानी
सरकार ने न केवल कोल्ड्रिफ सिरप बल्कि सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स के सभी उत्पादों पर जांच और निगरानी बढ़ा दी है। यह कंपनी पहले से ही तमिलनाडु प्रशासन के रडार पर है।