मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी

बच्चों की मौत का नया मामला
रविवार को दो और बच्चों की मौत, परिजनों का कफ सिरप पर शक
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में बैतूल जिले में दो बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने कफ सिरप के सेवन को मौत का कारण बताया। इससे पहले छिंदवाड़ा जिले में 14 बच्चों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, राजस्थान में भी कफ सिरप के कारण तीन बच्चों की मौत की खबर आई है।
केंद्र सरकार का त्वरित कदम
कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में खांसी की दवाओं की गुणवत्ता और उनके उचित उपयोग पर चर्चा की गई।
दवा निर्माताओं के लिए नए निर्देश
दवा निर्माताओं को संशोधित शेड्यूल एम का पालन करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले कारखानों के लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई है। खासकर बच्चों के लिए खांसी की दवाओं का सही और सीमित उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, क्योंकि अधिकांश खांसी बिना दवा के ही ठीक हो जाती है।
कोल्ड्रिफ सिरप में विषैला तत्व
मध्य प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्या ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप के उत्पादन को रोकने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखा है। तमिलनाडु सरकार ने पत्र मिलने के 24 घंटे के भीतर कोल्ड्रिफ सिरप का सैंपल लेकर जांच की, जिसमें 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो एक विषैला पदार्थ है। इसके बाद पूरे तमिलनाडु में इसके उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।