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मध्य प्रदेश में दुष्कर्म पर चिंता: डीजीपी ने की समाज से नैतिक जिम्मेदारी की अपील

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने उज्जैन में एक बैठक के दौरान दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने समाज से नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की और इंटरनेट पर फैल रही अश्लील सामग्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा, उन्होंने 8500 नए पुलिस पदों की भर्ती की घोषणा की और नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की सफलताओं की सराहना की। जानें इस बैठक में और क्या चर्चा हुई।
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मध्य प्रदेश में दुष्कर्म पर चिंता: डीजीपी ने की समाज से नैतिक जिम्मेदारी की अपील

मध्य प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता

Madhya Pradesh Rape: मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने उज्जैन में पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में प्रदेश में बढ़ते अपराधों, विशेषकर दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस अकेले इन अपराधों को रोकने में सक्षम नहीं है, इसके लिए समाज को भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभानी होगी।


अश्लील सामग्री का प्रभाव

डीजीपी मकवाना ने इंटरनेट पर फैल रही अश्लील सामग्री को दुष्कर्म जैसी घटनाओं का एक प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा, 'समाज की नैतिकता में गिरावट और इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लीलता से युवाओं की सोच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यदि समाज स्वयं में बदलाव नहीं लाएगा, तो पुलिस की कार्रवाई सीमित रह जाएगी।'


पुलिस भर्ती की घोषणा

जल्द होगी 8500 पदों पर पुलिस भर्ती

बैठक में डीजीपी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि पुलिस बल को मजबूत करने के लिए विभाग में जल्द ही 8500 नए पदों पर भर्ती की जाएगी। इससे न केवल अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।


नक्सलवाद के खिलाफ सफलता

नक्सलवाद पर मिली बड़ी सफलता

डीजीपी ने मध्य प्रदेश में नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 10 बड़े नक्सली मारे जा चुके हैं, जो पुलिस की रणनीति और साहसिकता का परिणाम है। यह पुलिस की सफलता को दर्शाता है और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।


समाज की भूमिका

समाज की चुप्पी भी अपराध को बढ़ावा देती है

डीजीपी मकवाना ने कहा कि केवल कानून से दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने कहा, 'समाज को खुद जागरूक होना पड़ेगा। जब तक लोग अश्लीलता के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे और युवाओं को सही दिशा नहीं देंगे, तब तक हम ऐसे अपराधों पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पा सकते।'