मध्य प्रदेश में नर्मदा एक्सप्रेस-वे: 11 जिलों को जोड़ेगा 1206 किलोमीटर का मार्ग

मध्य प्रदेश सरकार का विकास कार्य
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस दिशा में, सरकार ने सड़क संपर्क को सुधारने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। वर्तमान में, राज्य में कई सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें नर्मदा एक्सप्रेस-वे भी शामिल है। यह एक्सप्रेस-वे 1206 किलोमीटर लंबा होगा और 8 लेन का होगा, जो राज्य के 11 जिलों को आपस में जोड़ेगा। उम्मीद है कि इसका निर्माण 2026 तक पूरा हो जाएगा.
नर्मदा एक्सप्रेस-वे के लाभ
निर्माणाधीन नर्मदा एक्सप्रेस-वे यमुना एक्सप्रेस-वे से लगभग चार गुना बड़ा होगा। यह एक्सप्रेस-वे गुजरात को छत्तीसगढ़ से जोड़ने का कार्य करेगा। इसके अलावा, यह मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से के अमरकंटक में स्थित शहरों को पश्चिमी हिस्से में नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों से जोड़ने का काम करेगा। इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से खंडवा, अनूपपुर, आलीराजपुर, मंडला, जबलपुर, खरगोन, नरसिंहपुर, डिंडौरी, नर्मदापुरम, हरदा और बड़वानी जिलों को एक साथ लाया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास होगा.
नर्मदा एक्सप्रेस-वे का निर्माण लागत
सूत्रों के अनुसार, नर्मदा एक्सप्रेस-वे के साथ 30 राष्ट्रीय और राज्य हाईवे तथा जिलों की सड़कों को जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे धार और झाबुआ से होकर गुजरेगा। इसके निर्माण पर लगभग 31,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पिछले साल दिसंबर में, नर्मदा एक्सप्रेस-वे के रूट को लेकर पीएमओ में शिकायत की गई थी, जिसके बाद इसे संशोधित किया गया और निमाड़ से जोड़ा गया.