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मध्य प्रदेश में नूरी खान का विवादास्पद बयान, ईद पर मटन की दुकानों के लिए आधार कार्ड की मांग

मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान ने ईद के अवसर पर मटन की दुकानों पर आधार कार्ड अनिवार्य करने का सुझाव दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में विवाद उत्पन्न हो गया है। उन्होंने एक वीडियो में दावा किया कि बकरों की बलि ईद से ज्यादा 'बकरा होली' पर दी जाती है। खान ने संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए त्योहारों के दौरान नफरत फैलाने की बात की। उनके आंकड़ों के अनुसार, होली पर मटन की खपत में 600 प्रतिशत की वृद्धि होती है। इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है, जिससे सियासी माहौल गरमाया हुआ है।
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सियासी विवाद का नया मोड़

मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान ने ईद के अवसर पर एक सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के जरिए विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने मटन की दुकानों पर ग्राहकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। नूरी खान ने एक 11 मिनट 2 सेकंड का वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उनका कहना है कि ईद से अधिक बकरों की बलि 'बकरा होली' पर दी जाती है। यह वीडियो दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा ईद के त्योहार पर जारी की गई एडवाइजरी के बाद आया है।


वीडियो में नूरी खान भारतीय संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और खाने-पीने की चीज़ों के चयन की स्वतंत्रता पर चर्चा कर रही हैं। उन्होंने संविधान का अपमान और त्योहारों जैसे होली, ईद और दिवाली के दौरान नफरत फैलाने की बातें भी की हैं।


अपने दावे को मजबूत करने के लिए, नूरी खान ने आंकड़ों का हवाला दिया है। उनका कहना है कि बेज़ुबान जानवरों की बलि केवल ईद पर नहीं होती, बल्कि होली के समय मटन की खपत में लगभग 600 प्रतिशत की वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि आम दिनों में मटन की बिक्री 4000 क्विंटल प्रतिदिन होती है, जबकि होली पर यह संख्या 20,000 क्विंटल तक पहुँच जाती है।