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मध्य प्रदेश में मानव मल कांड: जीतू पटवारी पर एफआईआर, राजनीति में हलचल

मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में मानव मल कांड ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने पीड़ित गजराज लोधी पर झूठा बयान देने का दबाव डाला। गजराज ने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें मानव मल खिलाया गया था, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए। इस मामले ने प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है, और सभी की नजरें इसकी जांच और राजनीतिक परिणामों पर हैं।
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मध्य प्रदेश में मानव मल कांड: जीतू पटवारी पर एफआईआर, राजनीति में हलचल

मामले का नया मोड़

MP News: मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली थाना क्षेत्र में मानव मल कांड ने एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित गजराज लोधी ने अपने शपथ पत्र में आरोप लगाया है कि पटवारी ने उन पर झूठा बयान देने का दबाव डाला और इसके बदले मोटरसाइकिल और आर्थिक सहायता का वादा किया। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। 


क्या है पूरा मामला?

गजराज लोधी ने आरोप लगाया था कि मूड़रा गांव के सरपंच के पति और बेटे ने राशन पर्ची मांगने पर उनके साथ मारपीट की और उन्हें मानव मल खिलाया। इस घटना के बाद जीतू पटवारी ने पीड़ित से भोपाल में मुलाकात की और सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें गजराज ने सरपंच पर गंभीर आरोप लगाए। वीडियो में पटवारी ने अशोकनगर कलेक्टर को फोन कर 8 दिन में कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया। इस पोस्ट ने मामले को और बढ़ा दिया, जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर झूठी कहानी गढ़ने और जातीय वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया। लेकिन दो दिन बाद गजराज ने जिला कलेक्टर को शपथ पत्र सौंपकर अपने बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें ओरछा ले जाकर जीतू पटवारी से मिलवाया, जहां उन पर मानव मल खिलाने का झूठा आरोप लगाने के लिए दबाव बनाया गया। गजराज के अनुसार, उनके साथ केवल मारपीट हुई थी और मानव मल खिलाने की कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पटवारी ने उन्हें मोटरसाइकिल और पैसे का लालच दिया। इस शपथ पत्र के आधार पर मुंगावली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 61(2), 196(1)(ए), 197(1)(सी), 229(2), 237 और 353(1)(सी) के तहत पटवारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.


प्रशासन का संज्ञान

पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन ने बताया कि गजराज ने 27 जून को कलेक्टर को शपथ पत्र सौंपा, जिसके बाद जांच शुरू की गई। पुलिस का कहना है कि यह मामला जातीय वैमनस्य फैलाने की कोशिश से जुड़ा हो सकता है। बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस झूठे प्रकरण के जरिए दलित समाज को बदनाम करने की साजिश रची। उन्होंने पटवारी को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना ने प्रदेश में सियासी माहौल को और गरमा दिया है, और आने वाले दिनों में इसकी जांच और राजनीतिक प्रभाव पर सबकी नजर बनी हुई है.